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सूबे के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की कमी, 40 फीसदी से अधिक सीटें रह गई खाली

बिहार: सूबे के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की कमी हो गयी है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय में स्नातक में सीटें खाली रह गई हैं। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में 40 प्रतिशत से अधिक सीटों पर दाखिला नहीं हो सका है। बीआरएबीयू में 84 हजार सीटें खाली हैं। चार बार मेरिट लिस्ट निकालने और स्पॉट राउंड के बाद भी सीटें नहीं भर सकी हैं।

UG Admission 2022: सूबे के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों का टोटा, 40 फीसदी से अधिक सीटें रह गईं खाली

बीआरएबीयू के अलावा पूर्णिया, मिथिला, मुंगेर, तिलका मांझी विश्वविद्यालयों में भी इस बार काफी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं। बिहार के विश्वविद्यालयों में बीते वर्ष सत्र 2022-25 के लिए दाखिला लिया गया है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अगस्त से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया दिसंबर तक चली।

फिलॉसफी, संस्कृत और बॉटनी में नहीं भर रहीं सीटें
बिहार के विश्वविद्यालयों में मुख्य तौर पर फिलॉसफी, संस्कृत और बॉटनी विषय में सीटें नहीं भर रही हैं। बीआरएबीयू में भी इन्हीं विषयों में सीटें खाली रह गई हैं। बीआरएबीयू के यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे ने बताया कि कई बार एडिट का विकल्प देने के बाद भी विद्यार्थियों का रुझान इन विषयों के प्रति नहीं बढ़ा। इन विषयों के अलावा मैथिली और बांग्ला विषय में भी सीटें खाली हैं। सबसे ज्यादा मांग इतिहास, जूलॉजी, हिंदी जैसे विषयों की है। बीएन मंडल मधेपुरा विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. राज कुमार सिंह ने बताया कि उनके यहां भी फिलॉसफी, बॉटनी और संस्कृत में सबसे अधिक सीटें खाली हैं। उन्होंने राज्य शिक्षा विभाग को प्रस्ताव दिया है कि जिन विषयों में अधिक आवेदन हैं उनकी सीटें बढ़ाई जाएं।

बीआरएबीयू के 111 कॉलेजों की दो लाख सीटें पर होना था नामांकन :
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 111 कॉलेज हैं। विश्वविद्यालय में इस बार दो लाख सीटों पर दाखिला होना था। दाखिले के लिए एक लाख 56 हजार आवेदन आए थे। स्पॉट राउंड लगाकर एक लाख 16 हजार दाखिले हुए। बिहार विश्वविद्यालय में काफी संख्या में विद्यार्थियों ने मेधा सूची में नाम आने के बाद भी नामांकन नहीं लिया। अगले वर्ष बीआरएबीयू में 15 और नए कॉलेज जुड़ जाएंगे और सीटों में लगभग 50 हजार की वृद्धि हो जाएगी।

हर साल खाली रह रही हैं स्नातक की सीटें :
सूबे के विश्वविद्यालयों में हर वर्ष स्नातक में सीटें खाली रह रही हैं। नालंदा कॉलेज नालंदा के राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनीत लाल ने बताया कि उनके कॉलेज में भी फिलॉसफी, संस्कृत जैसे विषयों में खाली हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान की तहत फिलॉसफी से सवाल कम आने से विद्यार्थियों की रुचि इस विषय में नहीं जग रही है। मुंगेर विश्वविद्यालय के नामांकन के नोडल अफसर डॉ. अमर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में भी इन विषयों में हर वर्ष सीटें खाली रह रही हैं।

प्रमुख विश्वविद्यालय में दाखिले की स्थिति

विश्वविद्यालय सीटें दाखिला
बीआरएबीयू, मुजफ्फरपुर 2 लाख 1.16 लाख

एलएनएमयू, दरभंगा 2.92 लाख 1.66 लाख
तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर 40 हजार 32 हजार

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर 80 हजार 30 हजार
पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय, पटना 1.30 लाख 1.18 लाख

पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया 46 हजार 33 हजार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा 64 हजार 40 हजार

जेपी विश्वविद्यालय, छपरा 39 हजार 20 हजार

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