पटना: बिहार में श’राबबंदी को लेकर एक बार फिर सियासी पारा गर्मा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में उनके सहयोगी पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की शरा’बबंदी में ढील देने की मांग पर प्रतिक्रिया दी है। मांझी ने हाल ही में कहा था कि बिहार में गुजरात मॉडल लागू करके परमिट के साथ कुछ लोगों को श’राब देनी चाहिए। इस पर सीएम नीतीश ने कहा कि उनको क्या पता है, हर चीज का ज्ञान नहीं है उन्हें। मांझी से मिलेंगे तो पूछेंगे कि वे बार-बार ऐसा क्यों बोलते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने पटना में शनिवार को मीडिया से बात की। इस दौरान उनसे पूछा कि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतनराम मांझी शरा’बबंदी का गुजरात मॉडल बिहार में लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस पर नीतीश कुमार ने हंसते हुए कहा कि उनको क्या पता है। वह मिलेंगे तो मैं उनसे इस बारे में पूछुंगा कि क्यों वे बार-बार इस तरह की बात करते हैं। सर्वसहमति से बिहार में शरा’बबंदी लागू की गई थी। उस समय तो ऐसी कुछ भी मांग नहीं हुई।
स्वास्थ्य कारणों की वजह से चुनिंदा लोगों को परमिट देकर श’राब पीने की छूट देने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में ऐसा कुछ नहीं है। जब शरा’बबंदी लागू हुई थी तब सभी की ट्रेनिंग कराई गई थी। कोई श’राब नहीं पीता है तो तबीयत खराब हो जाएगी ऐसा कुछ नहीं है। कई लोगों का इलाज कराया गया। शरा’ब स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है, ऐसा कहीं नहीं है। श’राब पीने से नुकसान ही होता है। सीएम नीतीश ने आगे कहा कि मांझी को ये सब मालूम नहीं होगा, सब चीज की जानकारी नहीं होगी। इसलिए ऐसा बोल रहे हैं।
दरअसल, शुक्रवार शाम को जीतनराम मांझी के पटना स्थित आवास पर लिट्टी भोज का कार्यक्रम रखा गया था। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन के कई नेता शामिल हुए थे। सीएम नीतीश के जाने के बाद मांझी ने मीडिया से बातचीत में शरा’बबंदी को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल उठा दिए। अब इस पर सियासी घमासान मच गया है।
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