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बिहार नगर निकाय चुनाव: जेडीयू MLC की पत्नी और बहू हारीं, बीजेपी सांसद की पत्नी भी नहीं बन पाई पार्षद

मुजफ्फरपुर: बिहार नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में दिग्गज नेताओं के परिजन और रिश्तेदारों को भी हार का सामना करना पड़ा है। हाजीपुर नगर परिषद के चुनाव में मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद को तगड़ा झटका लगा है। उनकी पत्नी रमा निषाद वार्ड एक से चुनाव हार गयी हैं।

बिहार नगर निकाय चुनाव : जेडीयू MLC की पत्नी और बहू हारीं, BJP सांसद अजय निषाद की बीवी भी पार्षद नहीं बन पाईं

रमा निषाद को उनके चचेरे भैंसूर विजय सहनी की बहू ज्योत्सना कुमारी ने 53 वोटों से हरा दिया है। विजय सहनी साल 2014 में वैशाली लोक सभा का चुनाव जदयू के टिकट पर लड़ चुके हैं। इससे पूर्व रमा निषाद हाजीपुर नगर परिषद की सभापति और उपसभापति रह चुकी हैं। ज्योत्सना को 1104 और रमा निषाद को 1051 वोट मिले हैं।

जेडीयू एमएलसी की पत्नी और बहू भी हारीं चुनाव

बगहा के जदयू एमएलसी सह जदयू जिलाध्यक्ष भीष्म साहनी की पत्नी गोदावरी देवी व पुत्रवधू रिंकी देवी नगर निकाय चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई हैं। भीष्म साहनी की पत्नी गोदावरी देवी नगर के वार्ड 35 से वार्ड पार्षद की प्रत्याशी थीं। वहीं, उनकी पुत्रवधू रिंकी देवी सभापति पद की प्रत्याशी थीं। गोदावरी देवी को 290 मत मिले और वे तीसरे स्थान पर रहीं। वहीं, उनकी पुत्रवधू रिंकी देवी 41 सौ वोट मिले और वह भी तीसरे स्थान पर रहीं। एमएलसी की पत्नी व पुत्रवधू के चुनाव हारने के बाद नगर में इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

इधर, तुर्की नगर पंचायत चुनाव में जदयू छोड़ भाजपा में शामिल हुए धर्मेंद्र कुमार अबोध की पत्नी रीता देवी मुख्य पार्षद का चुनाव हार गयी हैं। उन्हें पूर्व मुखिया शंभू पासवान की भावज मनीषा रानी ने 643 वोटों के अंतर से पराजित किया है। धर्मेंद्र कुमार अबोध जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रह चुके हैं।

वे कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जदयू छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। मनीषा रानी को 2272 और रीता देवी को 1629 मत प्राप्त हुए। मुजफ्फरपुर शहर के बीबी कॉलेजिएट स्कूल मतगणना केंद्र पर देर से गिनती शुरू हुई। इस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई। इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस का हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

वहीं, जिले के रामनगर में पत्नी गीता देवी सभापति का चुनाव जीत गई हैं जबकि पति नागेन्द्र साह वार्ड पार्षद का चुनाव हार गए हैं। निवर्तमान सभापति सावित्री देवी के स्थान पर उनकी बहू गीता देवी चुनाव लड़ी थीं। वह सभापति पद का चुनाव जीतने में सफल रहीं। जबकि उनके पुत्र नागेंद्र साह वार्ड पार्षद का चुनाव हार गए। नागेन्द्र साह नगर के वार्ड 17 से वार्ड पार्षद के प्रत्याशी थे। उनको सीधे मुकाबले में अखिलेश तुरहा ने 83 मतों से पराजित कर दिया। वहीं नागेन्द्र साह की पत्नी गीता देवी ने 2774 मतों से पूर्व उपमुख्य पार्षद जयाउन नेशा को पराजित कर दिया।

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