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दसवीं में फर्स्ट डिवीजन पर बिहार सरकार की सौगात, मिलेंगे 10 हजार रुपए, जानें पूरी प्रक्रिया

बिहार सरकार दसवीं की बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन पास होने वाले सभी छात्र छात्राओं को 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाती है। मुख्यमंत्री बालक बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार आर्थिक प्रोत्साहन उपलब्ध कराती है।

दसवीं में फर्स्ट डिवीजन पर बिहार सरकार की सौगात, मिलेंगे 10 हजार रुपए, जानें पूरी प्रक्रिया

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए इस योजना में विशेष प्रावधान किया गया है। SC और ST वर्ग के छात्रों को दसवीं में सेकंड डिवीजन पास होने पर भी 8000 रुपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाती है। योजना का मूल उद्देश्य छात्रों का प्रोत्साहन करना है ताकि वो आगे की पढाई जारी रख सकें।

किसे मिलेगा लाभ 

बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बालक बालिक प्रोत्साहन योजना का लाभ बिहार के सभी वर्गों के छात्र छात्राओं को मिलेगा। एससी और एसटी के लिए किए गए विशेष प्रावधान के अलावा योजना में सभी दसवीं फर्स्ट डिवीजन पास छात्रों को लाभ मिलेगा।

पात्रता की शर्तें

बिहार सरकार की इस योजना का लाभ केवल अविवाहित छात्र और छात्राओं को मिलेगा। योजना का लाभ बिहार राज्य बोर्ड से दसवीं पास छात्रों को ही मिलेगा। साथ ही आवेदक का बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य है।

आवेदन की प्रक्रिया

योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। बिहार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्र्रेशन करना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन करके आवेदन को पूर्ण करके सबमिट करना होता है। ऑनलाइन आवेदन के नंबर से आवेदन की स्थिति भी देखी जा सकती है।

इन डाक्यूमेंट्स की होगी जरुरत

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को मूल दस्तावेजों समेत कई अन्य प्रमाणपत्रों की डिजिटल प्रति अपलोड करनी होती है। आवेदक को शैक्षणिक प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास, आधार कार्ड , बैंक डिटेल, स्कूल की फीस रसीद ऑनलाइन अपलोड करना होगी। एससी और एसटी छात्रों के लिए किए गए विशेष प्रावधान के जरिए आवेदन में आवेदक को जाति प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा।

बिहार सरकार की इस योजना का क्रियान्वयन शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। योजना के जरिए हर साल लाखों बच्चों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाती है। योजना का मूल उद्देश्य छात्रों को खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स को आगे की शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। आर्थिक प्रोत्साहन के जरिए पढाई में आने वाले खर्च को भी कम करने का भी प्रयास किया जाता है।

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