बिहार में छठ महापर्व के समापन के बाद नवंबर के पहले दिन वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार के आसार दिखे वहीं दिवाली और छठ बाद सोमवार को मुजफ्फरपुर शहर की हवा एक बार फिर दिल्ली सहित सूबे में सबसे अधिक जहरीली हो गई।
इस साल पहली बार मुजफ्फरपुर की हवा का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 500 पर पहुंच गया है। एक्यूआई पांच सौ पर पहुंचने का मतलब हवा में 2.5 माइक्रोन की मोटाई के धूलकण प्रतिघन मीटर पांच सौ से अधिक हैं, जो इंसान की सेहत के लिए बेहद गंभीर होता है।
बेतरतीब निर्माण भी प्रदूषण की वजहों में से एक
पांच साल पहले दुनिया के 20 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल मुजफ्फरपुर की हवा में रत्ती भर अंतर नहीं आया है। अब भी यहां हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में आ जाता है। सोमवार को शहर के मिठनपुरा इलाके में हवा में प्रदूषण सबसे अधिक रहा।
इस इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स सोमवार को औसत 266 पाया गया तो यह अधिकतम पांच सौ पर चला गया। वहीं एमआईटी इलाके की हवा भी खतरनाक तो रही। लेकिन, मिठनपुरा की तुलना में देखें तो इसकी गुणवत्ता कुछ अच्छी पायी गई। एमआईटी यानी ब्रह्मपुरा इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स औसत 135 पाया गया, जबकि अधिकतम यह 344 पर जाकर थम गया। बता दें कि शहर में बेतरतीब निर्माण भी प्रदूषण की वजहों में से एक है।
पीएम-10 की मात्रा 422 पर पहुंची
मुजफ्फरपुर में अब तक पीएम 2.5 (हवा में सूक्ष्म कण) की मात्रा ही अधिक पायी जाती थी, लेकिन हमेशा कम रहने वाला पीएम-10 भी सोमवार को अपने कई सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को मिठनपुरा इलाके में हवा में पीएम-10 की मात्रा 422 पायी गई, जबकि ब्रह्मपुरा इलाके में यह 405 पाई गई। पीएम-10 की अधिकता का सीधा मतलब हवा में धूलकणों व धुएं की मात्रा बढ़ने से है, जिसका असर लोगों के फेफड़े, हार्ट, स्किन व आखों पर पड़ता है।
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