बिहार के गांवों में सड़कों के हालात सुधरने वाले हैं। पंचायती राज विभाग की योजनाओं के तहत बनने वाली छह फीट या इससे अधिक चौड़ी सड़कें पीसीसी होंगी। ताकि जलजमाव वाली जगहों पर मजबूत और टिकाऊ सड़क मिल सके। छह फीट से कम चौड़ी सड़कें पेवर ब्लॉक यानी ईंट सोलिंग के साथ इंटरलॉकिंग टाइल्स की होंगी। इसको लेकर विभाग ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
विभाग ने साफ किया है कि तीनों स्तर ग्राम पंचायत, प्रखंड समिति और जिला परिषद के माध्यम से बनने वाली सभी सड़कों पर यह निर्णय अनिवार्य रूप से लागू होगा।
विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह ने सभी जिलों को इस संबंध में पत्र भेजा है। मालूम हो कि इसके पूर्व छह फीट से कम चौड़ी सड़क को लेकर कोई नियम नहीं था। पर, अब विभाग ने इस मामले में नया आदेश जारी किया है। गली-नाली पक्कीकरण योजना में भी यह नियम लागू होगा।
पीसीसी (प्लेन सीमेंट कंक्रीट) और पेवर ब्लॉक के साथ ही नाले का भी निर्माण किया जाएगा। इस संबंध में विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि छह फीट से कम चौड़ी सड़कों पर बड़े वाहन नहीं चलते हैं। गांव की गलियों में मुख्य रूप से ऐसी सड़के होती हैं। इसलिए ऐसी सड़कों पर पेवर ब्लॉक ही बेहतर होगा। इसकी मरम्मत भी आसान होती है। साथ ही दोनों तरह की सड़कों के निर्माण में होने वाले खर्च में भी कोई खास फर्क नहीं होता है। मालूम हो कि राज्य में 8067 ग्राम पंचायत, 533 प्रखंड समिति और 38 जिला परिषद हैं। एक लाख दस हजार से अधिक ग्रामीण वार्ड हैं। इन सभी क्षेत्रों के लिए उक्त आदेश प्रभावी होंगे।
जलजमाव वाले क्षेत्रों में नियम में छूट
विभाग ने जिलों को लिखे पत्र में यह भी साफ किया है कि जिस क्षेत्र में जल-जमाव की स्थिति बनी रहती है, वहां पर छह फीट से कम चौड़ी सड़कों को भी पेवर ब्लॉक की जगह पीसीसी बनाया जा सकता है। इस संबंध में विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि अधिक दिनों तक जल-जमाव रहने से पेवर ब्लॉक की सड़कों में ईंटें धंस जाती हैं। इस कारण जलजमाव वाले क्षेत्र के लिए नियम को शिथिल करते हुए स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जा सकेगा।
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