बिहार के मुजफ्फरपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर की है’वानियत उजागर हुई है। यूट्रस के ऑपरेशन के नाम पर उसने महिला की दोनों किडनी निकाल ली। घ’टना सकरा प्रखंड के मथुरापुर गांव की है। पी’ड़िता सुनीता की मां बाजीराउत की तेतरी देवी ने शुक्रवार को बरियापुर ओपी में ऑपरेशन करने वाले कथित डॉक्टर, क्लीनिक संचालक व कर्मियों को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज करायी है। सुनीता की हालत गंभीर है। बीते तीन सितंबर को उसका ऑपरेशन हुआ था।
क्लीनिक संचालक कथित डॉक्टर पवन कुमार, डॉ. आरके सिंह, कर्मी जितेंद्र पासवान, व डॉ. पवन की पत्नी को आरो’पित किया गया है। बरियारपुर ओपी प्रभारी राजेश कुमार राय ने बताया कि दोनों किडनी निकालने का आरो’प है। मामला दर्ज कर आवेदन सकरा थाना भेजा गया है। आरो’पितों का घर वैशाली के पातेपुर बताया जा रहा है। उधर, सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने बताया कि सकरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जांच करेंगे। क्लीनिक संचालक के रजिस्ट्रेशन और डिग्री की भी जांच होगी।
पटना से सुनीता को लेकर लौटे परिजन शुक्रवार शाम सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां से भी निराश होकर घर लौट गए। सुनीता के पति अकलू राम यह कहते हुए फफक पड़े कि अब उसके बच्चों के सिर से मां का साया उठ जाएगा। रुपये के लिए कथित डॉक्टर ने उसका परिवार उजाड़ दिया। भोजन-पानी नहीं पच रहा है। शरीर सूज गया है। हालत खराब हो रही है।
सुनीता मां तेतरी देवी के साथ पेट दर्द होने पर बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में गई थी। वहां डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराया। अल्ट्रासाउंड में ग’र्भाशय में गांठ पड़ने की बात डॉक्टर ने कही और तत्काल ऑपरेशन करने की सलाह दी। इसके बाद पी’ड़ित के पति अकलू राम ने तीन सितंबर को उसी नर्सिंग होम में अपनी पत्नी का ऑपरेशन करा दिया। अकलू राम ने बताया कि ऑपरेशन के बाद सुनीता की तबीयत बिगड़ने लगी और पूरा शरीर फूलने लगा। इसके बाद डॉ. पवन कुमार ने कहा कि सुनीता को पटना ले जाना होगा, पवन अपनी गाड़ी से सुनीता को लेकर पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां 24 घंटे रखने के बाद अस्पताल से निकाल दिया। डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय ने आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
एसकेएमसीएच के बाद पीएमसीएच किया रेफर
पटना के निजी अस्पताल से निकाले जाने के बाद सुनीता को लेकर परिजन घर आ गए। उसे एसकेएमसीएच ले गए। वहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच में पीड़िता का फिर अल्ट्रासाउंड किया गया। रिपोर्ट में किडनी नहीं दिखाई देने की बात लिखी गई। वहां से आईजीआईएमएस रेफर कर दिया गया। अकलू राम ने बताया कि आईजीआईएमएस में जगह नहीं मिलने पर पत्नी को वापस घर ले आया।
क्लीनिक बंद कर फरार
संचालक क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है। बरियापुर ओपी प्रभारी ने बताया कि संचालक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। महिला के पति ने ऑपरेशन के बाद पेट से निकाले गए दो गोले के आकार के मांस के लोथड़े की फोटो दिखाई है। क्लीनिक के बोर्ड पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का न रजिस्ट्रेशन है और नहीं डिग्री। लोगों ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने क्लीनिक के रजिस्टर्ड नहीं होने की जानकारी दी है।
कर्ज लेकर चुकाये पैसे
क्लीनिक संचालक ने महिला के ऑपरेशन के लिए पहले 20 हजार रुपये लिए। इसके बाद पटना में इलाज के दौरान 40 हजार रुपये जमा कराया और फरार हो गया। अकलू राम ने बताया कि पत्नी के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर महाजन से कर्ज लेकर ऑपरेशन के पैसे जमा किये थे। विधायक ने आर्थिक मदद कर शाम में सदर अस्पताल भेजा।
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