दरभंगा के राज परिसर में स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में विख्यात है, लेकिन आजकल इसकी चर्चा पढ़ाई से अधिक बंदरों के कारण हो रही है, वो भी बंदरों के आतं’क की वजह. बंदरों के कारण यहां के महिला छात्रावास की स्थिति दयनीय बनी हुई है. छात्रावास में रह रही छात्राओं को हर वक्त इन बंदरों का डर बना रहता है.
छात्राओं के कपड़े ले कर भाग जाते हैं बंदर
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के जनक नंदिनी महिला छात्रावास में रह रही छात्राओं को हर वक्त बंदरों के आतं’क से डर बना रहता है. छात्राओं का कहना है कि छात्रावास के अंदर खाने-पीने से लेकर कपड़े तक को बंदर लेकर भाग जाते हैं. यहां के बंदर क्लास करके जब छात्रावास में वापस लौटते हैं, तो कभी-कभी बंदरों के डर से कमरों तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है.
छात्रावास के चारो और बनी दीवारें हुई जर्जर
वैसे तो जनक नंदिनी महिला छात्रावास के चारों तरफ दीवारें बनी हुई है लेकिन दीवारें इतनी छोटी और कहीं कहीं टूटी होने की वजह से यहां आस-पास के असामाजिक तत्व छात्राओं को परेशान करते हैं. छात्राओं का कहना था कि अगर दीवाल के ऊपर कांटेदार तार लग जाते तो थोड़ा सुरक्षित महसूस करते वही सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां 3 महिला गार्ड हैं.
विश्वविद्यालय अधिकारियों को की गई है शिकायत
इस छात्रावास में रह रही छात्राओं और वार्डन का कहना था कि छात्रावास से संबंधित सभी समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से जानकारी दी गई है. अभी फिलहाल कुछ पहलुओं पर कार्य हो रही है, तो मुख्य पहलू अभी भी बाधित पड़ा हुआ है.
छात्रावास अधीक्षक बोले
इस छात्रावास में रह रही छात्राओं और छात्रावास अधीक्षक डॉ. साधना शर्मा का कहना है कि छात्रावास से संबंधित सभी समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से जानकारी दी गई है. अभी फिलहाल कुछ पहलुओं पर कार्य हो रहा है. तो मुख्य पहलू अभी भी बाधित पड़ा हुआ है.
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