बेगूसराय में नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल को लेकर जहां एक तरफ पूरा शहर कचरे का ढेर बन गया है तो वहीं लोगों का जीना भी दुश्वार हो गया है। लोग मुंह और नाक को ढक कर आवागमन करने के लिए विवश हैं। गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों से नगर निगम के सफाई कर्मी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं एवं आक्रोश पूर्व प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम प्रशासन की आंख अभी भी नहीं खुल रही है।
मुख्य मांगों में नगर निगम कर्मियों का कहना है कि समान काम के लिए समान वेतन 18000 से 26000 किया जाए और ससमय वेतन का भुगतान भी किया जाए। सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं और लोग बिहार सरकार पर आरो’प लगाते हुए कह रहे हैं कि सरकार के ढुलमुल नीति की वजह से आज सफाई कर्मी आक्रो’श प्रदर्शन करने को विवश हैं । लेकिन फिर भी सरकार की आंख नहीं खुल रही है। लगातार प्रदर्शन के बावजूद भी अब तक नगर निगम के पदाधिकारी या फिर जिला प्रशासन नगर निगम सफाई कर्मियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
देखा जाए तो बाढ़ एवं बारिश के समय खत’रनाक बीमारियों का प्रको’प भी चरम पर रहता है और ऐसी स्थिति में कचरे के अंबार में बदल चुका बेगूसराय जिले में कभी भी खतर’नाक बीमा’रियां फैल सकती हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं सफाई कर्मियों ने भी स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा या उन्हें अपनी मांगों के आलोक में आश्वस्त नहीं किया जाएगा तब तक उनका हड़ताल जारी रहेगा ।
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