बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के बड़े दावेदार हो सकते हैं। यदि विपक्ष उनके नाम पर विचार करता है तो निश्चित रूप से वह इसके लिए मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं।
पिछले 50 वर्ष से वह सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं। उन्होंने जेपी व आरक्षण आंदोलनों में भाग लिया। उनके पास 37 से अधिक वर्ष का संसदीय व प्रशासनिक अनुभव है। उन्हें जमीनी स्तर पर व अपने साथियों के बीच अपार समर्थन है।
तेजस्वी यादव रविवार को मीडिया से बात कर रहे थे। कहा कि जदयू, राजद, कांग्रेस समेत अन्य दलों के एकजुट होने के बाद बिहार में महागठबंधन का सत्ता में आना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत है। यह राष्ट्रीय स्तर पर भी नयी दिशा दिखाने वाला है।
क्षेत्रीय दलों और अन्य प्रगतिशील राजनीतिक समूहों को अपने छोटे-मोटे नफा-नुकसान से परे देखना होगा और लोकतंत्र को बचाना होगा। यदि हमने अब इसे बर्बाद होने से नहीं बचाया तो इसे दोबारा स्थापित करना बहुत मुश्किल होगा।
ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पहले से कह रहे यह बात
बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पहले ही यह कह चुके हैं कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सभी योग्यताएं हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर ऐसे संकेत भी दिए थे। जदयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा तो कई बार पब्लिक डोमेन में यह दावा कर चुके हैं।
बिहार की नई सरकार में 8वीं बार सीएम बनने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा था कि देश आपका इंतजार कर रहा है।
लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता नकार चुकी है। उन्होंने रविवार को एयरपोर्ट पर कहा कि नीतीश जी ने केवल अपनी कुर्सी पर ध्यान दिया है। कई मंत्री पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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