दिहाड़ी मजदूरी करने वाले गिरीश यादव को केंद्रीय जीएसटी महकमें ने साढ़े 37 लाख का नोटिस भेजा है। मामला खगड़िया के अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना गांव निवासी गिरिश का है।
अलोली थाने ने उसके साथ धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज कर लिया है। कभी कोई कारोबार न करने वाले गिरीश को समझ में नहीं आया कि यह नोटिस किस बात के लिए आया है।
गिरीश के दस्तावेजों के अवै’ध इस्तेमाल से चल रही है कंपनी
जांच करने पर पता चला कि फटेहाल जिंदगी जीने वाले गिरीश यादव के नाम से राजस्थान के पाली में लिमिटेड कंपनी है। इसके टेन (टेम्पररी एकाउंट नंबर) पर साढ़े 37 लाख केंद्रीय जीएसटी का बकाया है। इसकी वसूली के लिए नोटिस आया है।
डीएम डॉ आलोक रंजन घोष ने कहा कि ये इनपुट सब्सिडी क्रेडिट का मामला है। संभावना है कि सामान के लेनदेन में मजदूर के पैन का प्रयोग हुआ है। पाली जाकर उसे सेल टैक्स के पास पक्ष रखना होगा।
कभी नहीं गया राजस्थान
अनजान गिरीश का कहना है कि न तो वह कभी राजस्थान गया है और न ही उसके या किसी परिजन के नाम पर ही कोई कंपनी है। शुरूआती जांच के अनुसार यह पूरा मामला फर्जीवाड़ा का है। गिरीश के दस्तावेज का उपयोग करके फर्जी कंपनी खोल दी गयी है और उसके नाम पर करोड़ों का लेन-देन दिखाते हुए लाखों की टैक्स चोरी को अंजाम दिया गया है।
मजदूरी करके करता है गुजारा
फिलहाल गिरीश मुसीबत में पड़ गया है कि वह इतनी बड़ी राशि से संबंधित नोटिस का क्या करेगा। विभागीय अधिकारी इस मामले की जांच करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। गिरीश अपने परिवार के साथ झोपड़ीनुमा घर में रहता है। उसके पास सिर्फ एक गाय है और मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करता है।
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