दरभंगा के जाले प्रखंड स्थित रतनपुर पंचायत के वार्ड नंबर 1 कलवाड़ा गांव में प्राथमिक विद्यालय कलवारा का बुरा हाल है। 1972 में स्थापित यह विद्यालय मात्र तीन कमरों के दो मंजिल की भवन में चलती है। एक कमरा में मध्यान्ह भोजन बनता है, दुसरा कमरा मध्यान्ह भोजन के चावल व अन्य सामग्रियो से भरा है। तीसरे कमरे में कार्यालय है। यहां छात्रों को संकड़ी बरामदे पर बैठाकर पढ़ाया जाता है। सड़क से महज 4 फीट की दूरी पर बने इस विद्यालय का चहारदिवारी नही है, ना ही तो कोई मुख्य द्वार है।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक परिक्षण बैठा ने बताया कि यहां कुल 139 छात्र छात्रा का नामांकन है। अमूमन 50 से 60 बच्चों की उपस्थिति होती है। पर आज संयोग से बच्चे मेला देखने चले गए हैं। वहीं विद्यालय के दो शिक्षक रीता देवी और देवकृष्ण साहू भी निचे कहीं गए हुए हैं। बच्चों की उपस्थिति नहीं रहने के कारण मध्यान्ह भोजन आज नहीं बनेगा।
एक साल से पेयजल की व्यवस्था नहीं
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि डीपीओ और बीआरसी से पेयजल की व्यवस्था की मांग किया था। एक वर्ष से चापाकल खराब है। बच्चो को पानी पीने के लिए आस पड़ोस के घरों में जाना पड़ता है। विद्यालय में एकमात्र सार्वजनिक शौचालय है।
विद्यालय के पास है मात्र एक कठ्ठा भूमि: प्रभारी प्रधानाध्यापक
विद्यालय का 2 कठ्ठा भूमि पर है पर यह दो जगहों पर है। एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी लगभग 800 मीटर रहने के कारण दोनो भूमि का उपयोग नही हो पा रहा है। विद्यालय के लिए प्रयोग किया गया पुराना भवन जर्जर हो चुका है।
जल्द से जल्द आधारभूत सुविधाऐं बहाल की जाएगी: बीईओ
संबंध में पुछे जाने पर जाले के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि विद्यालय में जल्द से जल्द सभी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से जानकारी ली जा रही है।
Be First to Comment