देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी है। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच पटना में बिहार विधानसभा के लाइब्रेरी सभागार में वोटिंग चल रही है। विधानसभा के सभी सदस्य कतार में लगकर मतदान कर रहे हैं। सभी सदस्य अपनी पार्टी या गठबंधन के लाइन पर वोट डाल रहे हैं। इस बीच वोट डालने आए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए के प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के बारे में अपमानजनक बात कहा है।
वोट डालने आए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास मीडिया कर्मी पहुंचे। प्रेस को संबोधित करके हुए तेजस्वी यादव ने एक बार फिर द्रौपदी मुर्मू के बारे में ऐसी बात कही जिससे बिहार की राजनीति में गरमाहट आ सकती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू एक न्यूट्रल और मजबूत राष्ट्रपति नहीं हो सकतीं। तेजस्वी ने कहा कि संविधान में सबसे उंचा पद राष्ट्रपति का होता है। इसलिए संविधान की रक्षा को लेकर उनका दायित्व सबसे ज्यादा है। जो देश का माहौल है उसमें लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है। ऐसे में एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो इन सारी चीजों को देखे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोग ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो मजबूत हो और सरकार अगर संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग करती है तो हस्तक्षेप करे, न कि सरकार के पक्ष में रहे। हमलोग न्यूट्रल राष्टपति चाहते हैं। एक ट्राइबल महिला को राष्टपति बनाए जाने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर इस समाज के लिए इतनी हीं चिंता है तो उनके लिए आरक्षण बढ़ा दिया जाए। उसमें विपक्ष साथ देगा।
इससे पहले द्रौपदी मुर्मू को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर काफी सियासत हो चुकी है। बीजेपी, जदयू के अलावे कई मामलों में राजद को सपोर्ट करने वाले जीतन राम मांझी ने भी इस मामले में तेजस्वी यादव की आलोचना की थी।
नेतप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा था कि राष्ट्रपति भवन में हमें राष्ट्रपति बैठाना है ना कि कोई मूर्ति। इतना ही नहीं तेजस्वी ने द्रौपदी मुर्मू की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आज तक हमने कभी उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नहीं देखा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने कभी उन्हें बोलते हुए नहीं सुना है और मुझे नहीं लगता है कि आप लोगों ने भी सुना होगा।
तेजस्वी के ताजा बयान पर एक बार फिर बिहार का राजनीतिक माहौल गरमा सकता है क्योंकि इस बार उन्होंने राष्टपति प्रत्याशी की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
Be First to Comment