पटना के एमपीएमएलए कोर्ट ने मोकामा विधायक अनंत सिंह को एक और आपराधिक मामले में दोषी करार दिया है। 24 जून 2025 को अनंत सिंह के सरकारी आवास से 6 मैग्जीन, इंसास राइफल और एक बुलेट प्रूफ जैकेट ब’रामद हुआ था। इसी मामले में कोर्ट ने अनंत सिंह को दो’षी करार दिया है।
बता दें कि 21 जून 2022 को पटना के एमपीएमएलए कोर्ट ने अनंत कुमार सिंह को 10 साल के सश्रम कारावास और एक लाख 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने बाढ़ के लदमा स्थित विधायक के पैतृक निवास से प्रतिबंधित एके-47 बरामदगी मामले में दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि बिहार में मोकामा विधानसभा क्षेत्र से दल हो या निर्दल बाहुबली अनंत सिंह लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। वे वर्ष 2005 से लगातार पांच बार विधानसभा का चुनाव जीते। वर्ष 2005 के दोनों चुनावों में जदयू से अनंत सिंह ने जीत हासिल की थी।
इसके बाद पुन: 2010 के विधानसभा आम चुनाव में जदयू से ही चुनाव जीतने में अनंत सिंह कामयाब रहे। हालांकि, 2015 में जदयू से किनारे किए जाने के बाद वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। वहीं, वर्ष 2020 के चुनाव में अनंत सिंह को राजद का साथ मिला और पुन: विधानसभा पहुंच गए। यह अलग बात है कि लालटेन का दामन थामने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ीं।
वर्ष 1980 में बिहार में पहली बार अनंत सिंह का नाम चर्चा में आया था। तब उन्होंने मोकामा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार श्याम सुंदर सिंह धीरज के चुनाव जीतने में बड़ी भूमिका निभायी थी। इसके ठीक पांच साल बाद मोकामा का सियासी समीकरण बदल गया। इस बार श्याम सुंदर सिंह धीरज व शिवशंकर शर्मा के मुकाबले में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह सामने आ गए।
इस बार भी श्याम सुंदर सिंह धीरज कम मार्जिन से ही, लेकिन चुनाव जीतने में सफल रहे। दूसरी ओर अनंत सिंह मोकामा टाल क्षेत्र में तेजी से चर्चा में आए। तबतक उन पर कई संगीन आरोप लग चुके थे। वर्ष 1990 एवं 1995 में दिलीप सिंह ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर धीरज को हराया। इस बीच अनंत सिंह छोटे सरकार के रूप में मोकामा क्षेत्र में चर्चित हुए।
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