बिहार के मुंगेर जिले के एक दिव्यांग ने वो करके दिखा दिया है, जो शायद लोग सोच भी न पाएं। दोनों हाथ कट जाने के बाद भी नंदलाल ने पढ़ाई का जुनून नहीं छोड़ा और अब पैरों से लिखकर बीए की परीक्षा दे रहा है। वाकई नंदलाल के जज्बे को सलाम करने का मन करता है। जिस हालात में लोग अपना सबकुछ खत्म मान लेते हैं, ऐसी स्थिति में नंदलाल ने आईएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य बनाया है।
मिली जानकारी के अनुसार, हवेली खड़गपुर नगर क्षेत्र के संत टोला निवासी अजय कुमार साह और बेबी देवी का पुत्र दिव्यांग नंदलाल अपने दोनों हाथ नहीं रहने के बावजूद पैर के सहारे इतिहास रचने की ठान लिया है। बचपन में ही उच्च क्षमता के बिजली करंट की चपेट में आने से अपना दोनों हाथ गंवाने वाले नंदलाल अपनी मेधा और आत्मबल के बूते नई इबारत लिख रहा है। दिव्यांग नंदलाल बीए पार्ट वन की परीक्षा आरएस कॉलेज तारापुर में दे रहा है।
नंदलाल के पिता अजय साह संत टोला के समीप एक गुमटीनुमा दुकान चलाते है। नंदलाल कुमार ने वर्ष 2019 में इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है। उसे 500 अंकों में 325 अंक प्राप्त हुए हैं। नंदलाल ने भौतिकी में 67, गणित में 60 और रसायन में 73 अंक प्राप्त किए थे। वर्ष 2017 में दिव्यांग नंदलाल ने मैट्रिक की भी परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कर खड़गपुर को सम्मान दिलाने के साथ अन्य लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था।
नंदलाल ने बताया कि 2006 में बिजली के करंट लगने के कारण उसके दोनो हाथ कट गए। दादाजी ने हिम्मत दिया और पैर से लिखने सिखाया। 2017 में मैट्रिक प्रथम श्रेणी से पास किया।
तत्कालीन एसडीओ संजीव कुमार ने एक लाख की राशि दी थी। मेरा लक्ष्य बीए करने के बाद बीएड की पढ़ाई करने का है। मैंने आईएएस बनने का लक्ष्य रखा है। पारिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने की वजह से कोचिंग करना मुश्किल है लेकिन नंदलाल कहता है कि उसने हिम्मत नहीं हारी है।
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