पटना में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है। जून के पहले सप्ताह के बाद से ही न सिर्फ लगातार संक्रमित मिल रहे हैं बल्कि इनकी संख्या भी बढ़ने लगी है। अस्पतालों में भी फ्लू जैसे हल्के लक्षणों वाले कोरोना मरीज भी पहुंचने लगे हैं।
जून के पहले सप्ताह से लेकर 25 जून तक पटना में सक्रिय संक्रमितों की संख्या पांच से बढ़कर 380 के पार हो गई है। पिछले तीन दिनों में अलग-अलग अस्पतालों में नौ लोग अस्पताल में भर्ती भी कराए गए हैं। इनमें से दो पटना के हैं। भर्ती मरीजों में कोमोरविडिटी वाले ऐसे मरीज हैं जिन्हें किडनी, फेफड़े, डायबिटीज, बीपी की बीमारी पहले से है और वे संक्रमित हुए हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार मिले सभी नए संक्रमित होम आइसोलशन में ही ठीक हो रहे हैं।
पटना शहरी इलाके के लगभग सभी मोहल्लों से लेकर ग्रामीण इलाके बिहटा, पालीगंज, मसौढ़ी, बाढ़, बख्तियारपुर, मोकामा तक के ग्रामीण इलाके में भी कोरोना का प्रकोप लगातार बढ रहा है। एम्स, एनएससीएमसीएच बिहटा और पीएमसीएच के कई डॉक्टर और जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्र कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे हैं। जून में अबतक पटना में कुल 625 नए संक्रमित मिल चुके हैं।
इस बार हल्के लक्षण वाले मिल रहे संक्रमित
पीएमसीएच के कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. पीएन झा और डॉ. बीके चौधरी ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमितों में फ्लू जैसे हल्के लक्षण रह रहे हैं। सर्दी, सूखी खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, सुस्ती व हल्का बुखार (99-100 फॉरेनहाइट) रह रहा है। इसका बड़ा कारण कोरोना का टीका ही है। राज्य में अधिकांश लोग कोरोना का दो टीका ले चुके हैं। ऐसे में वे संक्रमित हो भी रहे हैं तो ज्यादा गंभीर नहीं हो रहे हैं।
बरतें सावधानी नहीं तो बढ़ सकती है मुसीबत
आयुर्वेद चिकित्सक ने कहा कि आयुर्वेदिक काढ़ा, गिलोय, तुलसी, काली मिर्च, अदरक का काढ़ा अथवा चाय पीने से भी मौसमी वायरल कोरोना के शुरुआती लक्षणों से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा उन्होंने सभी से सावधानी बरतने की अपील की। ऐसा नहीं करने पर मुसीबत और बढ़ने की आशंका व्यक्त की। कहा कि कोरोना से बचाव का एकमात्र विकल्प कोरोना का टीका ही है। इसलिए सभी पात्र लोगों को टीका और बूस्टर डोज जरूर लेना चाहिए।
बूस्टर डोज नहीं लेनेवाले हो रहे ज्यादा शिकार
डॉ. झा और डॉ. बीके चौधरी और जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि संक्रमितों में ज्यादातर ऐसे हें जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लिया है। इनकी संख्या बूस्टर डोज लेनेवालों की तुलना में लगभग चार गुणा ज्यादा है। बूस्टर डोज लेनेवाले संक्रमित हो भी रहे हैं तो उनमें कोई खास लक्षण नहीं दिख रहा है और वे तीन दिन में निगेटिव हो जा रहे हैं।
पटना जिले में मात्र 12 प्रतिशत लोग ही ले पाए हैं बूस्टर डोज
पटना जिले में कोरोना का बूस्टर डोज लेने में लोग कोताही बरत रहे हैं। मात्र 12 प्रतिशत लोग ही बूस्टर डोज ले पाए हैं। जबकि 83 प्रतिशत लोगों ने पहला और 88 प्रतिशत लोगों ने दूसरा डोज लिया है। टीकाकरण केंद्रों की संख्या घटाया जाना भी इसका बड़ा कारण है।
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