केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम साइबर ठ’गी तेजी से बढ़नी शुरू हो गई है। साइबर ठ’ग हेली बुकिंग के साथ ही वीवीआईपी दर्शन और स्पेशल पूजा का झां’सा देकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। जबकि, वीआईपी दर्शन और विशेष पूजा का विकल्प राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। केदारनाथ के लिए हेली सर्विस बुकिंग के झां’से में देहरादून और महाराष्ट्र के परिवार से ठ’गी हो गई। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले देशभर में सामने आए हैं।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि केदारनाथ के लिए चॉपर के नाम पर ठ’गी की 30 के करीब शिकायतें मिली हैं। अधिकांश पीड़ित गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे दूर के राज्यों के हैं। वह गुप्तकाशी तो पहुंच रहे हैं। यहां फर्जी टिकट होने पर उन्हें एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है तो अधिकांश लोग इससे मना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपने स्तर पर तीन लोगों के मुकदमे दर्ज कराए हैं। इनके जरिए ठगों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
एक पी’ड़ित को 26 यात्रियों की टिकट बुक करानी थी। उन्होंने प्रति यात्री किराया 4620 रुपये बताया। पी’ड़ित ने बुकिंग के लिए हामी भर दी।आ’रोपी ने बुकिंग के लिए सभी के पहचान पत्र मांगे। पीड़ि’त ने भेज दिए। इसके बाद सभी के टिकट के 1.17 लाख रुपये मांगे। बुकिंग के लिए उन्हें व्हाट्सएप पर एक एकाउंट नंबर भेजा गया। पी’ड़ित ने खाते में रकम जमा कर दी। इसके बाद फिर प्रति यात्री 1120 और मांगे गए। तब पीड़ित को अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है। उन्होंने इसे लेकर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर दी। तहरीर पर मुकदमा दर्ज हो गया है।
साइबर ठ’ग केदारनाथ के लिए हेली सेवा नहीं मिलने और भीड़ में दर्शन के लिए लंबी लाइन का फायदा उठा रहे हैं। गूगल पर केदारनाथ हेली सेवा सर्च करते ही सरकारी वेबसाइट से पहले फर्जी वेबसाइट और उनके फोन नंबर शो हो रहे हैं। साइबर ठ’ग बुकिंग के साथ ही वीआईपी दर्शन और पूजा की बुकिंग का ऑप्शन दे रहे हैं।
उन्होंने वेबसाइट पर सीधे बुकिंग के विकल्प के बजाय वहां फोन नंबर दिए हैं। इन पर संपर्क कर लोग ठ’गी का शि’कार हो रहे हैं।इसका फायदा साइबर ठ’ग उठा रहे हैं। वह फर्जी साइट बनाकर उनके जरिए लोगों को चूना लगा रहे हैं। इनकी साइट सर्च में पहले आए, इसलिए यह गूगल को भुगतान भी करते हैं। जिस साइट पर मोबाइल संपर्क कराया जा रहा हो, या खाते में रकम जमा करने के लिए कहा जाए तो लोग समझ जाएं, यह साइबर ठ’गों की है।
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