बिहार के बेगूसराय में मां बेटे के पवित्र रिश्ते को शर्म’सार कर देने वाली घट’ना हुई है। कलि’युगी बेटों ने पहले अपनी मां को ध’क्का देकर घर से निकाल दिया और जब एक अन्य भाई ने मां को रखा तो उसकी ज’मकर पिटा’ई कर दी। घट’ना’ शाम्हो गांव की है। यह गांव लखीसराय के सुर्यगढा प्रखंड से सटा है।
घटना के बारे में जानकारी मिली है कि शाम्हो गांव में संजय कुमार, धनंजय कुमार, मृत्युंजय कुमार और पुष्पंजय कुमार चार भाई रहते हैं। इनमें पुष्पंजय सबसे छोटा है। उनकी मां मीना देवी बेटों के साथ रहती थी। तीन दिनों से धनंजय, संजय और मृत्युंजय ने मां खाना बंद कर दिया था।
वे चाहते थे कि मां पैत्रिक संपत्ति उनके हवाले कर दे जबकि मां जीते जी उसे अपने पास रखना चाहती थी। उनके बाद प्रोपर्टी बेटों की स्वतः हो जाती। लेकिन तीन भाईयों को जल्दबाजी थी।
शुक्रवार को तीन भाईयों ने मां का खाना पानी बंद कर दिया। मां उनसे नाराज थी। लेकिन सबसे छोटे पुष्पंजय ने मां को सहारा दिया। उसने अपने साथ रखकर मां की सेवा की और भोजन कराया। यह बात उसके तीन अन्य भाईयों को नागवार गुजरा।
तीनों ने मिलकर पहले पुष्पंजय को समझाया और जब वह नहीं माना तो जमकर पिटाई कर दी। गंभीर हालत पुष्पजंय को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुष्पंजय का आरोप है कि उनके भाई चाहते हैं कि मां जल्दी मर खप जाए ताकि पैतृक संपत्ति का कब्जा किया जा सके।
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