बीते कई दिनों से दिल्ली, यूपी, हरियाणा, बिहार, राजस्थान और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में गर्मी से जो राहत मिली थी, वह एक बार फिर से खत्म होने वाली है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक शुक्रवार से दिल्ली और आसपास के इलाके फिर से लू की चपेट में आ सकते हैं। बुधवार से ही इन राज्यों में एक बार फिर तापमान में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। दरअसल बीते कुछ दिनों से चक्रवाती तूफान असानी और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में हल्की बारिश के चलते तापमान थोड़ा कम हुआ था और राहत दिखी थी। अब वह राहत फिर से छिनने की चिंता बढ़ गई है।
हालांकि, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि कई राज्य हैं, जहां पर चक्रवाती तूफान असानी की वजह से तेज बारिश होगी। स्काईमेट वेदर के मुताबिक गुरुवार को गुजरात व राजस्थान के कई हिस्सों, विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दक्षिण हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति संभव है।
भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिम भारत और मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अगले पांच दिनों तक भयंकर गर्मी पड़ेगी। इस दौरान लू भी लोगों को परेशान करेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के आसार कम हैं। इसकी वजह चक्रवाती तूफान असानी ही है।
राजस्थान में तो अगले एक सप्ताह में तापमान एक बार फिर से 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश का रहना वाला है। यहां 15 मई तक लू चलने के आसार हैं। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली व पंजाब में भी 12 से 15 मई तक भयंकर गर्मी पड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन आसमान पूरी तरफ साफ रहेगा और तेज धूप झुलसाने वाली होगी। अधिकतम तापमान 43 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री तक रह सकता है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के चलते 17 मई से कुछ राहत मिलनी शुरू हो सकती है।
इस बीच मौसम विभाग ने एक राहत की खबर भी दी है। विभाग का कहना है कि इस साल भले ही गर्मी भीषण है, लेकिन मॉनसून के जल्दी आने से राहत भी थोड़ा पहले मिलेगी। मौसम विभाग ने लंबी अवधि के अपने अनुमान में पिछले दिनों 20 मई को ही मॉनसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था। विभाग का कहना है कि 20 मई को केरल के तट पर मॉनसून पहुंचेगा और अगले 10 से 15 दिनों में उत्तर भारत पहुंचेगा। इससे यह माना जा रहा है कि जून के महीने में मई के मुकाबले गर्मी से राहत रहेगी। इसके अलावा बारिश भी औसत रहने का अनुमान है यानी खेती भी इस साल ठीक रहेगी।
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