आगामी सात जून को बिहार के कई राष्ट्रीय राजमार्गों व पुलों का उद्घाटन व शिलान्यास होगा। इस दौरान पटना में गंगा नदी पर बने गांधी सेतु की पूर्वी लेन का भी उद्घाटन होगा और इस पर गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। इस लेन के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसके उद्घाटन के साथ ही गांधी सेतु के दोनों लेन से गाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे उत्तर बिहार आने-जाने वालों को सुविधा होगी और पटना शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
गौरतलब है कि साल 2014 में गांधी सेतु की मरम्मत की सहमति बनी थी। पहले चरण में पश्चिमी लेन की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ और इससे गाड़ियों का परिचालन जारी है। अब पूर्वी लेन की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है। मरम्मत कर रही एजेंसी को हर हाल में मई तक काम पूरा करने को कहा गया है। अभी पूर्वी लेन वाले हिस्से में कालीकरण का काम चल रहा है। कुछ दूरी की बैरिकेडिंग की जानी है जिसका काम युद्धस्तर पर जारी है। 5.575 किमी लंबे इस पुल की मरम्मत में 1742 करोड़ खर्च हुए हैं।
सात जून को ही भागलपुर-मिर्जाचौकी टू लेन व फोर लेन का भूमि पूजन भी होगा। साथ ही, महनार-बछवारा का भूमि पूजन भी प्रस्तावित है। धार्मिक कॉरिडोर के तहत उमगांव से महिषी तक की सड़क का भी शिलान्यास हो सकता है। बिहार की किन-किन परियोजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन हो सकता है, इसको लेकर 31 मई को सूबे के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बैठक करेंगे। उसी बैठक में उन योजनाओं का चयन होगा, जिसका शिलान्यास व उद्घाटन हो सकता है।
बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे की नींव भी सात जून को पड़ सकती है। आमस-दरभंगा के बीच बन रहे एक्सप्रेस-वे में निविदा आदि की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सरकार की कोशिश है कि उसी दिन इस एक्सप्रेस-वे का भूमि पूजन हो जाए ताकि इसका काम शुरू हो जाए।
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