माथे पर काली पगड़ी, काली शर्ट और पैंट। ललाट पर त्रिपुंड चंदन, काला चश्मा, गर्दन में दर्जनों रुद्राक्ष व ग्रहरत्नों से सुसज्जित माला और बगल में लटकती एक बांसुरी…। यहीं थी बांसुरिया बाबा की पहचान। इसकी एक झलक देखते ही लोग बस उनकी ओर आकर्षित हो जाते।
मिली जानकारी के मुताबिक, मगर, इसकी आड़ में वह श’राब का का’ला धं’धा करता था। इसका राज सोमवार को तब खुला जब एलटीएफ की टीम ने हरसिद्धि थाने के अवर निरीक्षक के साथ उसके घर छा’पेमारी की। वहां सें 8 पीएम की 180 बोतल व ब्लू एम्पीरियल की चार बोतलें बरा’मद की गई।
कथित बाबा भी मौके से गिर’फ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद अब जेल में हैं। उसे पांच दिन पहले अरेराज में आयोजित सम्राट अशोक की जयंती समारोह में बेहतर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में मंच पर सम्मानित भी किया गया था।
बता दें कि गिर’फ्तार श’राब धं’धेबाज बांसुरिया बाबा गोविंदगंज थाना क्षेत्र के जितवारपुर गांव का निवासी है और अपने मामा के यहां हरसिद्धि थाना क्षेत्र के भादा गांव में मिले नवासा पर रहता था। दिन में बाबा का भेष बनाकर हर दल के बड़े नेताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल होता था और फोटो खिंचवाता था। फिर फेसबुक पर उसे पोस्ट कर अपने नाम को भुनाता था। कथित बाबा के पकड़े जाने के बाद इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं आम है।
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