देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना के बढ़ते हुए नए मामलों के मद्देनजर बिहार में कोरोना संक्रमितों के संपर्कों की जांच की जाएगी। बिहार में विभिन्न राज्यों से आने वाली बडी संख्या को देखते हुए कोरोना के नए मरीजों के संपर्कों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों के सिविल सर्जनों को कोरोना की रैंडम जांच या आरटीपीसीआर जांच के दौरान संक्रमण के नये मामलों की रोकथाम के लिए ‘टेस्टिंग, ट्रैकिंग एवं ट्रीटमेंट के पुराने तरीकों को फिर से प्रयोग में लाने को कहा गया है। हालांकि, राज्य में रोज नये मरीजों की संख्या पांच से कम मिल रही है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग किसी प्रकार का जो’खिम लेने की स्थिति में नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित स्वास्थ्य निदेशालय के सभी निदेशक प्रमुख, सहायक निदेशक प्रमुखों को विभिन्न जिलों में कोरोना, एईएस एवं जेई के नये मामलों की निगरानी, मरीजों के इलाज इत्यादि की स्थिति की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके साथ ही, उन्हें इन मामलों की रिपोर्ट सीधे अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग को करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में कोरोना, एईएस एवं जेई नियंत्रण को लेकर उच्च स्तरीय बैठक प्रस्तावित है।
इसमें राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह, स्वास्थ्य निदेशालय की निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं, (प्रशासन) सहित सभी निदेशक प्रमुख, सभी सहायक निदेशक प्रमुख, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य एवं अधीक्षक, सभी जिलों के सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक में जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होंगे।
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