कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं। जिस कारण सरकार के आदेश के बाद अब विवाह में 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं। इस आदेश से विवाह भवन संचालकों को व्यापार में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। कोरोना की तीसरी लहर के कहर के कारण कई लोगों ने जनवरी में होनेवाली शादी की तिथि आगे बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार, विवाह भवन संचालकों को किराया व कर्मचारियों के खर्च की चिंता सता रही है। विवाह में कम लोगों के शामिल होने के कारण जनवरी माह की बुकिंग रद्द कर दी गई हैं।
विवाह भवन के संचालकों द्वारा बताया गया कि सरकार को शादी में शामिल होनेवालों की संख्या कम-से-कम सौ करना चाहिए था। शादी में न्यूनतम रसोइया, वेटर, नौकर आदि की संख्या ही 20 हो जाती है। ऐसे में 50 की संख्या का पालन कैसे हो पायेगा। विवाह भवन को चलाने में हर माह कम-से-कम 20 हजार रुपये खर्च होता है। बंद होने के बाद भी मैनेजर, स्वीपर, बिजली आदि मद में 20 हजार से अधिक रुपये खर्च होता है। इसके बाद कर्मचारियों का खर्च भी देना पड़ता है।
Be First to Comment