ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ काफी प्रयास किए जा रहे हैं, 18 साल से उपर के लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया हैं। लेकिन इस बीच बच्चों के लिए अभी तक कोवैक्सीन की डोज़ का ट्रायल जून से अगस्त के बीच चल रहा था जिसमें ट्रायल सफल साबित हुआ हैं।
खबरों के अनुसार, ओमिक्रोन के खौफ के बीच बच्चों को कोवैक्सीन की डोज जल्द लगाने की वकालत शुरू हो गई है। कानपुर में ट्रायल की सफलता के बाद टीम के चीफ गाइड ने भारत बायोटेक के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय को बच्चों को तत्काल पहली डोज लगाने की सिफारिश की है।यह ट्रायल सबसे कम उम्र की ढाई साल की बच्ची पर किया गया था, जो पूरी तरह फिट है। 0-6, 6-12 और 12-18 उम्र के 55 बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल जून से अगस्त के बीच किया गया था।दूसरी डोज के बाद एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट किए गए। सभी में हाई एंटीबॉडी पाई गई। पूर्व डीजीएमई डॉ. वीएन त्रिपाठी के मुताबिक के मुताबिक यह सही समय है जब बच्चों को टीके की शुरुआत कर देनी चाहिए। पहली डोज के बाद दूसरी का शेड्यूल अगले महीने आएगा, तब तक लाखों बच्चे नए वैरिएंट से सुरक्षित हो जाएंगे। ट्रायल में कोवैक्सीन की प्रभावकारिता 81 फीसदी से ज्यादा मिली है। खासकर 12-18 साल के किशोरों को इसे लगाने की सिफारिश सरकार और निर्माता कंपनी से की गई हैं।
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