मामला नालंदा थाना क्षेत्र का है । जहां पिछले 8 अक्टूबर को 4 वर्षीय मासूम के साथ गांव की ही एक किशोर ने अप्राकृतिक यौनाचार (अननेचुरल सेक्स) की घटना को अंजाम दिया।किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने अप्राकृतिक यौनाचार मामले में किशोर को महज 2 दिनों में सजा सुनाकर समाज को एक नया संदेश दिया है । जज ने किशोर को तीन साल की सजा सुनाई है।किशोर न्याय परिषद की सदस्या उषा कुमारी ने बताया कि नालंदा थाना इलाके के एक गांव में पिछले 8 अक्टूबर को गांव के ही एक 14 वर्षीय किशोर ने 4 वर्षीय मासूम को इमली और चॉकलेट देने के बहाने घर में बुलाकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। थाने में मामला दर्ज होने के बाद 25 नवंबर को पुलिस द्वारा अंतिम चार्जशीट दाखिल किया गया। पांच गवाहों की गवाही के बाद महज 2 दिनों में न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने किशोर को 3 साल की सजा सुनाई। इसके पूर्व भी जो मानवेंद्र मिश्र ने कई ऐसे चर्चित फैसले सुनाए हैं, जो समाज को एक नया संदेश देता है। उन्होंने हाल के दिनों में मेडल दिखाने पर मारपीट के आरोपी किशोर को सजा से मुक्त कर दिया था।
जज ने अपने फैसले में कहा कि, जहां नारी की पूजा की जाती है, वहां देवता निवास करते हैं। जिस देश में कुमारी कन्या को देवी का स्वरूप मानकर कन्या पूजन की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है, । उस देश में किशोरों में ऐसी पशु प्रवृत्ति आना निश्चित रूप से समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसी प्रवृत्ति को रोकने के लिए तथा किशोरों में महिलाओं के प्रति अच्छे संस्कार और सम्मान विकसित करने के लिए हमें अपनी समाज में जागरूकता लानी होगी।
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