कहते हैं बच्चों का मन कोमल होता है, उनके मन में क्या चल रहा है यह जान पाना काफी मुश्किल है। बच्चों के मन में पुलिस के प्रति कहीं न कहीं नमारात्मक छवि तो रहती ही है। पुलिस को देखते ही बच्चे सहम जाते हैं।
अपनी इसी नकारात्मक छवि को बदलने के लिए बाल अधिकार सप्ताह के तहत शुक्रवार को नगर थाने में एक कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों और पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करना था।
बच्चों के मन मे पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करना था भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य था, ताकि बच्चे बिना किसी डर के अपनी समस्याएं पुलिस को बता सकें। इससे बच्चों के प्रति होने वाली घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम के तहत दर्ज़नो स्कूली छात्रों ने पुलिसकर्मियों से उनके जीवन और कार्यशैली के बारे में बातें की। बच्चों ने अपने प्रति पुलिस का रवैया और उनकी संवेदनाएं जानीं। इस दौरान बच्चों ने एक बोर्ड पर नगर थाने के थानाध्यक्ष ओमप्रकाश समेत सभी पुलिसकर्मियों से याद स्वरूप हस्ताक्षर भी करवाया।
इस दौरान छात्रों ने बैलेंस रेस की प्रतियोगिता में भाग लिया और सभी पुलिसकर्मियों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए फ्रेंडशिप बेल्ट भी बांधा। बाल अधिकार सप्ताह के तहत बच्चों के मन मे पुलिसकर्मियों के लिए सकारात्मक भाव जगाने की यह कोशिश वाकई में कितनी कामयाब हो पायी, यह तो समय आने पर ही पता चला पाएगा।
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