मधुबनी : बेनीपट्टी सिविल कोर्ट परिसर में न्यायिक पदाधिकारियों के लिये बनाये गये नये आवास ‘न्याय निलयम’ का हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने शनिवार की शाम फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश के पहुंचते ही गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गयी। मुख्य न्यायाधीश ने आवासीय परिसर में पौधारोपण भी किया।
मंच पर मिथिला के रीति रिवाज के अनुसार सभी न्यायधीशों को पाग व दोपट्टे से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्हें मिथिला पेंटिंग भेंट की गयी। चीफ जस्टिस श्री करोल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बार और बेंच एक ही रथ के दो पहिये हैं। इससे पीड़ित पक्षों को न्याय मिलता है।
उन्होंने कहा कि न्याय वो है जो पीड़ितों के लिये किया जाता हो। मधुबनी में करीब 1115 गांव हैं, इन गांवों में विधिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये लीगल पारा वॉलेंटियर्स को मोबलाइज करें और विधिक जागरूकता फैलाने का काम करें।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने दो अक्टूबर को विधिक जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। बीते दो वर्षों में बहुत से वादों का निबटारा किया गया है, जो अच्छी बात है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान भी लोगों के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिये कोर्ट खुलता रहा। संविधान में मौलिक अधिकार की रक्षा की व्यवस्था की गयी है और इसकी रक्षा के पक्ष में ही न्याय देना न्याय है।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक मधुबनी में 97 हजार केश लंबित हैं। इनमें से केवल 11 हजार मामले सिविल प्रवृति के हैं। जबकि 40 हजार मामले पुलिस से संबंधित है और 11 हजार केश निजी संस्थाओं से संबंधित है। इनके निष्पादन के लिये ध्यान देने की जरूरत है।बता दें कि भवन प्रमंडल द्वारा करीब सात करोड़ 88 लाख 79 हजार रुपये की लागत से निर्मित 12 इकाई जी प्लस थ्री पीओ आवास का चीफ जस्टिस और अन्य न्यायाधीशों ने उद्घाटन किया।
मौके पर पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद, मधुरेश प्रसाद, अनिल सिन्हा, प्रभात कुमार सिंह, मधुबनी के न्यायमूर्ति सह निरीक्षी न्यायाधीश पार्थ सारथी, न्यायमूर्ति संदीप कुमार, सत्यव्रत वर्मा, पुणेन्द्रू सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश पति तिवारी, न्यायाधीश प्रीतम कुमार रत्न, बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम सुनील कुमार त्रिपाठी, न्यायाधीश पुष्पम किशोर, डीएम अमित कुमार, एसपी डॉ. सत्य प्रकाश, डीडीसी विशाल राज, एसडीएम अशोक मंडल, एसडीपीओ अरुण कुमार सिंह, कई अन्य न्यायधीश, अधिकारी, अधिवक्ता व कर्मी भी मौजूद थे।
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