MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : राष्ट्रीय वि’धिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्दे’शानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में जिले के सिविल को’र्ट परिसर में जिला एवं सत्र न्या’याधीश सह जिला वि’धिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा के मार्गद’र्शन में न्या’यिक अधिकारियों को शामिल करते हुए पी’ठों का गठन कर वर्चुअल ई-लोक अदा’लत का आयोजन कर मा’मलों का सफल नि’ष्पादन गया.
मुजफ्फरपुर के सिविल को’र्ट परिसर में आयोजित ई-लोक अदा’लत में 6 बेंचों का गठन किया गया था जिनमें आपसी सह’मति से 977 मामलों के साथ ही कुल 6 करोड़ 31 लाख 65 हजार 433 रुपये के मामलों का सभ्यक ढंग के साथ निप’टारा किया गया.
कोरो’ना संक्र’मण को देखते हुए बिहार में पहली बार राष्ट्रीय लोक अदा’लत को ई-अदा’लत के रूप में आयोजित किया गया. राष्ट्रीय लोक अदा’लतों में बेंच के सदस्य की तरफ से संबंधित पक्ष को उनके विवा’दों को सभ्यक ढंग से निप’टाने में सहा’यता की जाती है.
मौके पर उपस्थित जिला एवं सत्र न्या’याधीश अनिल कुमार सिन्हा ने बताया की इस ई-लोक अदा’लत में मामलों के निष्पादन में ‘क्ष’मा’ नामक एक एनजीओ ने भी सह’योग किया है, जिनकी मदद से सुल’हनीय मामलों को चि’न्हित करते हुए प’क्षकारों में मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित कर उनका प’क्ष लेते हुए मा’मलों का ऑनलाइन निष्पा’दन किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि को’विड-19 संक्र’मण की रो’कथाम के मद्देनजर ई-लोक अदा’लत में प’क्षकारों को भौ’तिक रूप से उपस्थित रहने की आव’श्यकता नहीं है. बेंच में शामिल न्या’यिक अधिकारियों और एनजीओ ‘क्ष’मा’ के सम’न्वय से मामलों का निष्पा’दन किया गया है. दोनों प’क्षों से बातचीत कर उनकी श’र्तों पर रा’जी होने के उपरांत डिजिटल हस्ताक्षर लेकर दोनों प’क्षों को ई-मेल आदि के माध्यम से भेज दिया जाता है. बता दें कि लोक अदा’लत में पास किया गया आ’देश अंतिम होता है. इसके वि’रुद्ध अपी’ल नहीं की जा सकती है.
इस वर्चुअल इ-राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के दीवानी मा’मले, वाहन दुर्घ’टना से संबंधित, सुल’हनीय आप’राधिक, बैंक सर्टिफिकेट, वैवाहिक विवा’द, पारिवारिक विवा’द, श्र’म, भूमि अधिग्र’हण, राजस्व, बिजली विभाग, वन विभाग, माप तौल, चेक बा’उंस और विवा’द पूर्व निस्ता’रण योग्य आदि मामले सहित अन्य सुल’हनीय मामलों का नि’ष्पादन किया गया.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हर छोटी-बड़ी सम’स्याओं का निप’टारा आपस में बैठ कर भी किया जा सकता है. किसी भी सम’स्या के निस्ता’रण में सबका सहयोग जरूरी है. आपसी सामं’जस्य से निकाला गया हल ही काफी कार’गर साबित होता है.
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति धा’रा 138 वाले मामले, बैंक रिक’वरी केस, एमएसीटी के’स, मजदूर विवाद के’स, बिजली और पानी के बिलों (नॉन-कंपाउं’डेबल को छोड़कर), विवाह संबंधित विवा’द, भूमि अधिगृहण के के’स, वेतन और भत्ता और रिटायरमेंट लाभ के साथ जुड़े सेवा के मामले, राजस्व मामले (सिर्फ जिला अदा’लत और उच्च अदालत में लंबित हैं) और अन्य सिविल के’स (किराया, पदाधिकार, इंजंक्शन सूट, स्पैसेफिक परफॉरमेंस वाले मुक’दमे) जैसे अदा’लत में लट’क रहे केस के लिए लोक अदा’लत के माध्यम से निप’टारा किया गया.
अलग-अलग मामलों के निष्पा’दन हेतु गठित कुल 6 बेंचों में बेंच 01 में एडीजे प्रथम राकेश मालवीय, सब ज’ज चतुर्थ श्रीमती स्मिता गौरव, बेंच 02 में एडीजे द्वितीय राधे श्याम शुक्ला और एडीजे 16 संकाश चंद्रा, बेंच 03 में एनबीपीडीसीएल अंतर्गत विशेष कोर्ट के विशेष ज’ज नीतीश कुमार और एडीजे 15 सुश्री रचना श्रीवास्तव, बेंच 04 में एडीजे 12 सूर्यकांत तिवारी और सब ज’ज चतुर्थ सह एसीजेएम 12 (पूर्वी) शैलेन्द्र कुमार राय, बेंच 05 में सीजेएम मुकेश कुमार 1 और सब ज’ज 9 सह एसीजेएम 9 (पूर्वी) विपिन लवाणिया और बेंच 06 में सब ज’ज प्रथम सह एसीजेएम 1 (पश्चिमी) सतीश चंद्र और सब ज’ज द्वितीय सह एसीजेएम 2 (पश्चिमी) विकाश मिश्रा शामिल थे.
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