कैबिनेट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया हैं. इसके साथ ही 16वीं विधानसभा भंग हो गयी हैं. साथ ही नई सरकार का गठन के लिए हलचल तेज हो गया हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार कैबिनेट की आखिरी बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव को पास किया गया. इसके बाद सीएम नीतीश राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आखिरी कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें सर्वसम्मती से 16वीं विधानसभा को भंग करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गया हैं. बैठक में दो मंत्रियों के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गयी. सीएम नीती’श ने मंत्रिमंडल के सभी सा’थियों को साथ देने के लिए आभार जता’या. साथ ही उनके का’र्यों की प्र’शंसा की.
बता दें कि बि’हार चुनाव 2020 में एनडीए को अप्र’त्याशित जीत मिली है. तमाम एग्जिट पोल में महागठ’बंधन की सर’कार बन रही थी. लेकिन नतीजे एग्जिट पोल के ठीक विप’रीत आए. महा’गठबंधन को 180+ सीटें मिलने की बात कही जा रही थी, जबकि उसे 110 सीटें ही आयी. वहीं एग्जिट पोल में एनडीए को बहु’मत से काफी दूर दिखाया जा रहा था. लेकिन जनता ने एन’डीए को 124 सीटों पर जीत दे डाली.
एनडीए को मि’ली जीत को महाग’ठबंधन जनमत का अपहरण बता रहा है. आरजेडी, कां’ग्रेस समेत महागठ’बंधन के तमाम घटक दलों की माने तो जनता ने एनडीए के खिलाफ भर’पूर वोट किया, लेकिन सत्ता की ब’दौलत ये लोग जन’मत का अपहरण कर चोर दर’वाजे से सरकार बनाने जा रहे हैं.
बहुमत के आं’कड़े से महज 12 कदम दूर महाग’ठबंधन अभी भी हार मानने को तै’यार नहीं है. उसकी तरफ से एनडीए के छोटे घट’क दलों पर लगा’तार डोरे डाले जा रहे हैं. लेकिन अभी ऐ’सा होता नहीं दिख रहा है.
आरजेडी,कां’ग्रेस ने हम और वीआ’ईपी को खुला ऑ’फर दिया तो मांझी ने पलट’वार करते हुए कांग्रेस विधा’यकों को नीती’श कुमा’र के साथ आने का खुलेआम निमं’त्रण दे डाला. मांझी ने ट्वी’ट कर कहा कि नीती’श कुमार की नीति कांग्रे’स से बहुत अलग नहीं है. ऐसे में कां’ग्रेस के विधा’यकों को नीतीश कुमा’र का साथ देना चाहिए.
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