पटना : आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव ने आज जनसुराज का दामन थाम लिया। प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पटना के ज्ञान भवन में ‘समाजवादी समागम’ के दौरान पार्टी में शामिल हुए। देवेंद्र प्रसाद का पीके के साथ नई सियासी पारी का आगाज किया है। इस मौके पर उन्होने राजद चीफ लालू यादव का बिना नाम लिए निशाना साधा। देवेंद्र यादव ने कहा कि कुछ लोग ए टू जेड की बात करते हैं, लेकिन परिवार और जाति की राजनीति से कभी बाहर नहीं निकल सके।
पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन तो होता रहा, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया। जीडीपी ग्रोथ के नाम पर आम लोगों के साथ छल किया जाता रहा है। दलित, अति पिछड़े, पिछड़े वर्गों का कोई विकास नहीं हुआ और उनके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया। बिहार के बदलाव के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, सिर्फ महापुरुषों का नाम वोट के लिए इस्तेमाल होता रहा है। उन्होंने कहा कि जनसुराज गरीबों को जगाने का प्रयास कर रहा है और प्रशांत किशोर वंचितों शोषितों और महिलाओं की आवाज बन रहे हैं। इसीलिए वे जनसुराज के अभियान में शामिल होकर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम करेंगे।
इस दौरान पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव का दर्द भी छलक पड़ा। उन्होने कहा कि वो 1977 में विधायक बने और कर्पूरी ठाकुर के लिए विधायक पद से इस्तीफा देकर सीट खाली की। यही नहीं 1996 में केंद्रीय मंत्री बने और गरीबों के लिए 2 रुपये गेहूं और 3 रुपये चावल की योजना लाए, लेकिन इस योजना का प्रचार प्रसार बिहार में नहीं होने दिया गया। एक राजनीतिक षड़यंत्र के तहत इसका श्रेय मुझे नहीं लेने दिया गया।
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