देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में आज माघ पूर्णिमा को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा अर्चना करने के लिए बाबाधाम पहुंची। श्रद्धालु सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर बाबा धाम पहुंच कर बाबा का जलार्पण कर रहे है। देवघर बाबा धाम के पुरोहित बताते है कि ऐसे तो सभी पूर्णिमा में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा धाम पहुंचते हैं, मगर माघ पूर्णिमा सभी पुर्णिमाओं में से विशेष माना जाता है।
पूर्णिमा का महत्व अमावस्या में नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं, वही पूर्णिमा के दिन सकारात्मक शक्तियों का नवसंचार होता है, खासकर माघी पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, जप, हवन आदि करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है. जिसको लेकर बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान या आसपास के तालाब में स्नान कर पूर्णिमा के दिन दान पुण्य और विशेष पूजा अर्चना भी करते हैं. मुख्य रूप से नवग्रह जनित दोष समाप्त हो जाते हैं. पर्व के सुअवसर पर माघ मास में माघी पूर्णिमा को प्रातः स्नान करके यदि सूर्य को अर्घ्य दें तथा आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, लाल चन्दन, लाल वस्त्र, गेहूं का दान करें तो सूर्य का दोष समाप्त हो जाता है।
वही जन्मकुण्डली में चंद्रमा निर्बल हो तो चंद्र दोष दूर करने के लिए चंद्रमा के निमित्त मिसरी, शक्कर और चावल का दान करें. कर्ज का बोझ अथवा मंगल का कष्ट होने पर माघी पूर्णिमा के दिन मंगल के निमित चने की दाल, गुड़ और लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन आदि का दान अवश्य करना चाहिए. बुध ग्रह की पूजा करने से बुद्धि विवेक में वृद्धि और बुध की अनुकूलता के लिए बुध के निमित्त आवंला, आवंले का तेल, हरी सब्जियों का दान करना चाहिए. विवाह में बाधा हो अथवा गुरु दोष दूर करने के लिए गुरु के निमित्त पीली सरसों, केसर, पीला चंदन, मक्का, सामर्थ्य अनुसार सोने का दान करना चाहिए।
इसके अलावा बता दें कि दाम्पत्य जीवन में मधुरता अथवा शुक्र दोष दूर करने के लिए शुक्र के निमित्त शुक्रवार को माघी पूर्णिमा पर कपूर, देसी घी, मक्खन, सफेद तिल, आदि का दान करना चाहिए। माघ पूर्णिमा धार्मिक अनुष्ठान के लिए विशेष मान्य रखता है जिसको लेकर लोग कई मांगलिक कार्य भी संपन्न करते हैं।
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