पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार की महागठबंधन सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था चौपट करने का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षा का बजट 17% है लेकिन शिक्षा का जो जमीनी स्तर पर गिरावट है, उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पर सरकार का किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं है।
मांझी ने कहा कि सरकार के द्वारा सबसे अधिक बजट शिक्षा पर पेश किया जाता है. इसके बाद भी बिहार की शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. हम संरक्षक ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट करने में सीएम नीतीश कुमार की अहम भूमिका है. मांझी ने इस दौरान केके पाठक की जरूर तारीफ की. उन्होंने कहा कि केके पाठक अपने कार्यकाल में अच्छा कार्य कर रहे हैं. मांझी ने कहा कि केके पाठक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अभियान चला रहे है तो शिक्षकों में खलबली मची हुई है। मांझी ने कहा कि केके पाठक काम सही कर रहे है। शिक्षकों को सख्त निर्देश दे रहे हैं कि समय पर स्कूल आएं और बच्चों को पढ़ाएं और समय से स्कूल से बाहर जाएं. पूर्व सीएम ने कहा कि कुछ शिक्षकों को केके पाठक से तकलीफ हो रही है, वो अपना विरोध भी जता रहे हैं, लेकिन केके पाठक द्वारा कुछ काम गलत नहीं किया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने शिक्षकों को 5 बजे तक स्कूल में रुकने वाले आदेश का विरोध किया. मांझी ने कहा कि जब बच्चों की छुट्टी 3 बजे हो जाएगी तो शिक्षक 5 बजे तक क्या करेंगे. इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।
मांझी ने कहा कि शिक्षक के खिलाफ हमलोग कुछ नहीं बोलते है, क्योंकि शिक्षक लोग चुनाव के समय पीठासीन अधिकारी बनकर जाते हैं. जब वह चुनाव में जाते हैं तो उनके मन में आएगा कि नेता के द्वारा इस प्रकार की बात बोली गई है. इससे वह चुनाव के समय नेताओं को सबक सिखाएंगे, इसलिए हम लोग चुप रहते हैं. लेकिन जो वस्तु स्थिति बिहार में शिक्षा व्यवस्था का है वह ठीक नहीं है. शिक्षा में सुधार लाने की आवश्यकता है. तब जाकर बिहार में शिक्षा दर बढ़ेगा।
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