सुपौल: एशियाई अंडर-18 रग्बी चैंपियनशिप में सुपौल की बेटी अंशू ने बिहार का नाम देश-दुनिया में रोशन किया है। बेटी की इस सफलता के पीछे उसके पिता का बड़ा योगदान रहा है। घर से लेकर खेल मैदान तक उन्होंने हमेशा अपनी बेटी का साथ दिया। अंशु की रुचि को देख पिता ने उसे खेलने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। गरीबी की मार के बीच रोज बेटी को साइकिल पर बैठाकर निर्मली से सुपौल स्टेडियम और अभ्यास के बाद स्टेडियम से निर्मली ले जाना उनकी जीवन शैली बन गई थी। इसी का सुखद परिणाम है कि पिछले दो वर्ष से अंशू लगातार जिला स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतते देश-दुनिया में बिहार का नाम रोशन किया।
सुपौल रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष शारदानंद झा ने बताया कि चीन में 30 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजित चैंपियनशिप में भारतीय गर्ल्स टीम का हिस्सा सुपौल की अंशु कुमारी भी रही। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात की टीम से हुआ। भारतीय टीम फाइनल में दूसरे स्थान पर रही। 10-7 के मुकाबले टीम को सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ। सुपौल के पिपरा प्रखंड के निर्मली बाजार निवासी पवन कुमार की बड़ी बेटी अंशु कुमारी का जन्म 8 जुलाई 2007 को हुआ था। अंशू के दो छोटे भाई भी हैं।
अंशू के पिता पवन कुमार मिठाई की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इसी दुकान की कमाई से वे बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। पवन की भी खेल में रुचि रही है। बचपन से ही प्रतिभाशाली अंशू वर्तमान समय में भागीरथ उच्च माध्यमिक विद्यालय निर्मली की 10वीं की छात्रा है। बिहार राज्य रग्बी के सचिव पंकज कुमार ज्योति एवं बिहार रग्बी कोच गौरव चौहान ने अंशू को राज्यस्तरीय टीम में शामिल किया। पटना कैंप में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर उसका जुलाई में पुणे में आयोजित अंडर 18 नेशनल रग्बी चैंपियनशिप के लिए चयन किया गया। उसने बिहार की ओर से खेला और ब्रॉन्ज मेडल जीता।
2022 में राज्यस्तरीय एथलेटिक्स में मिला सिल्वर मेडल:
साल 2022 में स्कूली दक्ष कार्यक्रम में अंशू का जिलास्तर पर चयन हुआ था। सहरसा में राज्यस्तरीय एथलेटिक्स स्कूल मीट में 400 मीटर दौड़ में उसे सिल्वर मेडल मिला। जिला रग्बी संघ के सचिव तरुण कुमार झा ने बताया कि मई में बीएसएस कॉलेज में राज्यस्तरीय रग्बी फुटबॉल में अंशू को टीम में जगह दी। एक महीना तक अभ्यास करवाया।
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