नालंदा में स्थित मदरसा अजीजिया के पुनर्निर्माण के लिए बिहार की नीतीश सरकार ने 30 करोड़ रुपए की मदद दी है। 113 साल पुराने इस मदरसे की लाइब्रेरी को रामनवमी पर हुए दंगों के दौरान जला दिया गया था. ये जानकारी बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह ने दी है। इसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार पर तुष्टिकरण करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूछा कि दंगे में जिन हिंदुओं के घर और दुकानें फूंकी गईं, नीतीश कुमार की सरकार ने उनके लिए क्या किया है। क्या उनको भी फिर से बनाने के लिए पैसा दिया गया है?
गिरिराज सिंह ने कहा कि मदरसे के पुनर्निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए देना हिन्दुओं के जले हुए, टूटे हुए घरों पर नमक छिड़कने के बराबर है। बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश बाबू आपने हिन्दूओं के उलटे बिहारशरीफ और सासाराम में जेल भेजने का काम किया. कभी उनके घरों को बनाने का पैसा दिया क्या? क्या कभी मंदिरो को बनाने के बारे में सोचा? उन्होंने कहा कि मुसलमान की वोट के लिए नीतीश कुमार लाख कोशिश कर लें लेकिन याद रखें एक-एक हिन्दू इसका हिसाब लेगा।
गिरिराज सिंह के इस बयान पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह असली हिंदू हैं ही नहीं। राजद नेता इस दौरान भाषा की सारी मर्यादा लांघ गए. उन्होंने कहा कि ये अंग्रेजों के दलाल के बेटे हैं. जो नाथूराम गोडसे का बेटा होगा, वह कभी देश से प्रेम कर ही नहीं सकता। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए संपूर्ण भारत में पैसे दिए जाते हैं. अगर नालंदा में बिहार सरकार ने मदरसा निर्माण के लिए पैसे दिए हैं तो गिरिराज सिंह बताएं कि जिन-जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां मदरसों को पैसे दिए जाते हैं या नहीं।
राजेश राठौर ने कहा कि जहां भाजपा की सरकार हैं वहां मदरसे में पैसे नहीं दिए जाते हैं क्या. उन्होंने कहा कि यह तो स्पष्ट हो गया कि मदरसा में पढ़ाई होती है. गिरिराज सिंह सबसे पहले बताएं कि जिन-जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, क्या इन राज्यों में मदरसे के लिए पैसे नही दिए जाते है। अगर दिए जाते है तो वहां सवाल नहीं और यहां सवाल क्यों? गिरिराज सिंह का यही दोगला चरित्र है।
वहीं जेडीयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि अंग्रेजों से हिंदुस्तान को आजाद कराने में धर्म-जाति उम्र से ऊपर उठ कर सभी हिंदुस्तानियों ने भाग लिया था. इसमें माइनॉरिटी लोगों का भी कम योगदान नहीं है. हिंदुस्तान केवल और केवल हिंदुओं का है, यह सोचना गलत है. इस पर जितना अधिकार हिंदुओं का है, उतना ही अधिकार मुसलमानों का है. अगर मुस्लिम के अच्छे कार्य में सरकार सहयोग करती है, तो इसको तुष्टीकरण नहीं मानना चाहिए. जो लोग इसे तुष्टिकरण मानते हैं उनकी समझ में दोष है।
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