बिहार: मशरूम उत्पादन में बिहार देश में अव्वल राज्य है। बिहार को अव्वल बनाने में भागलपुर जिला का बड़ा योगदान है। यहां मशरूम उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। कई लोग कॉमर्शियल बेड पर मशरूम उत्पादन के काम से जुड़े हैं। जिलेभर में लगभग 30 लोग छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन कॉमर्शियल उत्पादन कर रहे हैं। अपने व्यवसाय को लगातार बढ़ा रहे हैं। ऐसे 500 से अधिक लोग उद्यान विभाग से जुड़कर मशरूम उत्पादन कर रहे हैं। मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लेने वाले लोगों की संख्या इससे भी ज्यादा है।
भागलपुर के अलावा बांका, पटना, नालंदा, गया आदि जिले में भी मशरूम उत्पादन बढ़ रहा है। उद्यान विभाग और आत्मा के अधिकारी बताते हैं कि लगभग पांच-सात साल पहले मुश्किल से 10-15 किसान मशरूम उत्पादन के काम से जुड़े थे। आज भागलपुर जिले में छोटे-बड़े कम से कम 500 किसान मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। पीक सीजन में हर महीने लगभग 50 क्विंटल मशरूम का उत्पादन भागलपुर में हो रहा है। इसमें बटन मशरूम, ओस्टर मशरूम, ब्राउन मशरूम और मिल्की मशरूम आदि शामिल हैं।
कोलकाता व सिलीगुड़ी भी मशरूम ले जाते हैं वेंडर
भागलपुर में उत्पादित मशरूम कुछ वेंडर कोलकाता, सिलीगुड़ी आदि जगहों पर भी ले जाते हैं। हालांकि लोकल मार्केट में ही इसकी अधिक खपत हो जाती है। भागलपुर में अब कई किसानों ने कॉमर्शियल बेड बनाकर मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया है। नवगछिया अनुमंडल के मशरूम उत्पादक सर्वेश कुमार ने बताया कि अब उन्होंने ओस्टर और बटन के अलावा मिल्की मशरूम का उत्पादन भी शुरू किया है। पहले की अपेक्षा उन्होंने अपना उत्पादन शुरू किया है। अब कॉमर्शियल बेड लगाकर उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी वह हर सप्ताह लगभग 50 किलो मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। सालाना लगभग 25 क्विंटल मशरूम तैयार कर रहे हैं। कहलगांव में एक किसान ने कोल्ड स्टोर को ही किराये पर लेकर बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन शुरू किया है।
आंकड़ों में मशरूम उत्पादन
20 हजार किट दिया गया है मशरूम किसानों को
400 क्विंटल ओस्टर मशरूम का प्रतिवर्ष उत्पादन
280 क्विंटल बटन मशरूम का प्रतिवर्ष उत्पादन
14 झोपड़ी मशरूम योजना पिछले साल दी गई है
1500 से अधिक लोग ले चुके हैं प्रशिक्षण
आत्मा और कृषि विज्ञान केन्द्र के जरिये मशरूम की खेती के लिए प्रशक्षिण पहले कई चरणों में दिया गया है। अब उद्यान विभाग से किसानों को अनुदानित दर पर कैरट, स्पॉन और कंपोस्ट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आत्मा के उपपरियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि भागलपुर जिले में अबतक 1500 से अधिक किसानों ने मशरूम उत्पादन के लिए प्रशक्षिण प्राप्त कर लिया है। मशरूम की खेती में महिलाओं का रुझान अच्छा है। कुछ महिलाओं ने न सिर्फ मशरूम उत्पादन की विधा सीखी, बल्कि मशरूम के बीज (स्पॉन) को उगाने का भी तकनीक विकसित कर ली है। कुछ महिलाओं ने स्पॉन का बिजनेस इतना बढ़ा लिया है कि उनसे कई केवीके खरीद करता है।
इस बाबत उद्यान सहायक निदेशक अभय कुमार ने बताया कि मशरूम का उत्पादन भागलपुर में लगातार बढ़ रहा है। छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन अब कॉमर्शियल बेड पर उत्पादन की रुचि बढ़ रही है। अगर कुछ किसान समूह में भी बड़े स्तर पर मशरूम उत्पादन को आगे आएं तो विभाग से उन्हें पूरी मदद मिलेगी। समय-समय पर उन्हें विभागीय स्तर पर आर्थिक मदद स्वरूप अनुदान भी दिया जाता है। अनुदान पाकर किसान इस खेती को लेकर अधिक से अधिक सजग हो पाएंगे।
Be First to Comment