बिहार में आज सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बीच ताकत का एक बड़ा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने-अपने मोर्चों के लिए प्रचार करेंगे। इस दौरान दोनों ही नेताओं के द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ जमकर सियासी तीर चलाएंगे।
नीतीश कुमार आज पूर्णिया में महागठबंधन की एक संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली में उनके डिप्टी तेजस्वी यादव और कांग्रेस सहित वामपंथी जैसे छोटे सहयोगी दलों के नेता भी शिरकत करेंगे। वहीं, पूर्णिया से करीब 400 किमी दूर अमित शाह अकेले सत्ता पक्ष के खिलाफ हुंकार भरेंगे। महागठबंधन की रैली को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। वह सिंगापुर से किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद दिल्ली लौट चुके हैं और फिलहाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
अमित शाह बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। 2019 के चुनाव में एनडीए गठबंधन में यह सीट जेडीयू के खाते में गई थी। इसके बाद अमित शाह किसानों की एक रैली को संबोधित करने के लिए पटना जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह चार महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद बिहार का दौरा कर रहे हैं। उनके तख्त हरमंदिर पटना साहिब जाने का भी कार्यक्रम है।
वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, “भाजपा संगठनात्मक ताकत और वैचारिक प्रतिबद्धता के दो स्तंभों पर खड़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री की बिहार यात्रा उसी की पुष्टि है। दूसरी ओर महागठबंधन ने मुस्लिम तुष्टिकरण का अपना कार्ड खेलने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सीमांचल क्षेत्र को चुना है।”
वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “पूर्णिया रैली भाजपा को सत्ता से बाहर करने की लड़ाई का बिगुल बजाएगी। अमित शाह की यात्रा बहुत कम हासिल करेगी। गृह मंत्री के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास करने की संभावना है जो 2024 के चुनावों में भाजपा के लिए एकमात्र उम्मीद बची है।”
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