पटना: रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर जारी वि’वाद में अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी कूद गए हैं। उन्होंने रामचरितमानस के कुछ छंदों पर आपत्ति जताई है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के मुखिया मांझी ने कहा कि रामचरितमानस पवित्र ग्रंथ है। इसमें कई अच्छी बातें लिखी हुई हैं, लेकिन कुछ चौपाइयां गलत हैं। इसमें नारी को नीच बताया गया है, जो कि गलत है। इसमें बदलाव होना चाहिए। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं।
जीतनराम मांझी ने कहा कि रामायण को वे भी मानते हैं। वह पूज्य महाकाव्य है। रामायण से रामचरितमानस बना। इसमें राजनीति के लिए कई अच्छी बातें लिखी हुई हैं, दूसरों की भलाई के बारे में कहा गया है। मगर नारी नीर नीच कटी धावा…. वाली चौपाई में नारी को नीच बताया गया है, जो कि गलत है।
मांझी ने कहा कि नारी की आधा आबादी है। हम इस युग में नारी सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं, मगर इसमें उसे नीच बताया गया है। रामायण के जानकारों को इसका जवाब देना चाहिए।
इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने कहा था कि इसमें जाति के नाम पर लोगों को बांटने की बात कही गई है। इसके बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस नहीं पढ़ते, सब बकवास है। सरकार को इसमें से आपत्तिजनक चौपाइयों को बाहर करना चाहिए नहीं तो पूरी किताब पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इन दोनों नेताओं के बयान का देशभर में विरोध हुआ।
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