पटना: बिहार में भीषण ठंड के बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास की मुलाकात से सियासी गर्माहट पैदा हो गई है। दोनों की मुलाकात के बाद सूबे के राजनीतिक हलके में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने मंगलवार को पटना में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की। दोनों ने साथ लंच भी किया। बताया जा रहा है कि तेजस्वी और भक्त चरण दास के बीच संभावित मंत्रिपरिषद विस्तार और लोकसभा चुनाव 2024 में महागठबंधन की भूमिका को लेकर चर्चा हुई है।
कांग्रेस अभी बिहार में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। मंगलवार को यात्रा का पहला चरण पूरा हो गया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास मंगलवार को पटना पहुंचे और उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंच पर करीब 40 मिनट तक चर्चा हुई। इसके बाद भक्त चरण दास दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
बताया जा रहा है कि तेजस्वी और भक्त चरण दास के बीच आगामी मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। कांग्रेस प्रभारी ने तेजस्वी से कैबिनेट में पार्टी के सदस्य बढ़ाने की मांग उठाई है। भक्त चरण दास ने संभावित कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के दो और नेताओं को मंत्री बनाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच समन्वय के लिए कमिटी बनाने की भी मांग उठाई। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है।
बता दें कि बिहार में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में न तो सीएम नीतीश कुमार और न ही तेजस्वी यादव शामिल हुए। हालांकि, सीएम नीतीश अपनी अलग से समाधान यात्रा निकाल रहे हैं। इसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी तो शरीक हुए थे, लेकिन कांग्रेस से अभी तक कोई नेता नहीं शामिल हुआ है। ऐसे में सतही तौर पर महागठबंधन में शामिल पार्टियों में बिखराव नजर आ रहा है। ऐसे में बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मिलना, कुछ अलग ही संकेत बयां कर रहा है।
तेजस्वी को नहीं नीतीश पर भरोसा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल बीजेपी को छोड़कर आरजेडी-कांग्रेस से नाता जोड़ा और महागठबंधन की सरकार बनाई। पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता थे। हालांकि, जेडीयू के आने के बाद अब नीतीश महागठबंधन के नेता हैं। सीएम नीतीश यह ऐलान कर चुके हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। चर्चा है कि तेजस्वी यादव को अब भी अपने चाचा नीतीश पर भरोसा नहीं है। मगर आरजेडी और जेडीयू के बीच सुधाकर सिंह और अन्य मुद्दों पर तकरार चल रही है।
कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास से तेजस्वी यादव की हुई मुलाकात के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि तेजस्वी अलग से अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। ताकि अगर नीतीश कुमार फिर से धोखा दे भी दें, तो उनके राजनीतिक समीकरण बने रहे।
कांग्रेस बिहार में अपना आधार मजबूत करने में जुटी
दूसरी ओर, कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष और पीसीसी चीफ मिलने के बाद सांगठनिक तौर पर कांग्रेस ने अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी कह चुके हैं कि सरकार और संगठन के स्तर पर पार्टी को मजबूत करना उनका लक्ष्य है। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मंत्रिपरिषद में कांग्रेस के दो और सदस्यों को शामिल करने की मांग कर चुके हैं। बिहार कांग्रेस जल्द ही लोकसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे पर भी मंथन करने वाली है।
महागठबंधन की अभी तक नहीं है कोई रणनीति
बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में शामिल पार्टियां अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं। मगर अभी तक साझा तौर पर इस पर कोई मंथन नहीं हुआ है। मौजूदा समीकरण के हिसाब से आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस, हम और वाम दल मिलकर बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके बावजूद इन सभी दलों में बिखराव देखने को मिल रहा है। इसके विपरीत बीजेपी ने जमीनी स्तर पर पहले से ही चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस क्रम में अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे बड़े नेताओं के दौरे भी हो चुके हैं।
Be First to Comment