राजद नेता शिवानंद तिवारी ने जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा से कहा है कि जिस समय वे हाफपैंट पहनते होंगे उस समय से हमारा नीतीश कुमार से संबंध है। इतने दिनों में क्या-क्या नीतीश कुमार से बात हुई है, क्या-क्या सपना देखा है, क्या-क्या झगड़ा हुआ है, उन्हें क्या पता है? नीतीश कुमार से मेरा चार दिन का संबंध नहीं है।
हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिस प्रकार से मुझे अपनी बात करने का अधिकार है तो उपेंद्र कुशवाहा को भी अपनी बात कहने का अधिकार है। मुझे किसी से इस पर कोई शिकायत नहीं है।
तिवारी ने कहा कि आज की राजनीति में लोगों का पैर कब्र में रहता है, लेकिन उनकी इच्छा कुछ बनने की रहती है। पर नीतीश कुमार अलग हैं। वे कहते हैं कि उनकी कोई इच्छा नहीं है। हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। मैंने भी उनकी इन्हीं बातों का जिक्र किया था। मैंने उनकी बातों को स्वागत योग्य बताया है। नीतीश कुमार 1977 और 1980 का चुनाव हार गए थे। वर्ष 1985 में चुनाव जीते।
उन्होंने कहा कि ये वह दौर था जब नीतीश और वो संघर्ष का भुंजा फांककर रहते थे। उसी दौरान कई तरह की बात हुई थी। यह बात भी हुई थी कि जब रिटायर होंगे तो आश्रम खोला जाएगा। बड़ी लाइब्रेरी होगी, गेस्ट हाउस होगा। वहां पॉलिटिकल वर्कर आएंगे तो वैचारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दरअसल, बुधवार को राजद राज्य परिषद की बैठक में तिवारी ने कहा था कि 2025 में नीतीश कुमार आश्रम खोलें और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएं। इसके बाद कुशवाहा ने नाराजगी प्रकट करते हुए जोरदार हमला बोला था और उन्हें ही दूसरा आश्रम खोजने की नसीहत दे डाली थी।
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