Press "Enter" to skip to content

भाषा विषयों में पिछड़ रहे बिहार के विद्यार्थी, रिजल्ट से सामने आये ये आंकड़े

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के दसवीं और 12वीं के छात्र भाषा विषयों में पिछड़ रहे हैं। गणित और विज्ञान में सौ फीसदी लाने वाले बच्चों को हिन्दी-अंग्रेजी में 80-85 फीसदी अंक ही आ रहे हैं। इसके पीछे के कारण का विश्लेषण किया जा रहा है।

भाषा विषयों में पिछड़ रहे बिहार के विद्यार्थी, रिजल्ट से सामने आये ये आंकड़े

60 फीसदी से अधिक है विद्यार्थियों की संख्या
बिहार में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या करीब 60 फीसदी है, जिनकी भाषा विषय पर पकड़ कमजोर है। सीबीएसई की ओर से सभी स्कूलों को विषयवार रिजल्ट भेजने के बाद इसका खुलासा हुआ है। बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि भाषा विषयों की पढ़ाई पर ध्यान दें।

भाषा में पिछड़ने से रिजल्ट पर पड़ा असर
दसवीं की परीक्षा में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों विषय रखना अनिवार्य है। सीबीएसई 10वीं व 12वीं का रिजल्ट 24 जुलाई को घोषित हुआ था। बिहार के छात्रों का रिजल्ट पिछले कई साल से बेहतर भी रहा, लेकिन भाषा विषय में पिछड़ने से उनका रिजल्ट प्रतिशत कम हो गया है। यह स्थिति एक स्कूल की नहीं, बल्कि ज्यादातर स्कूलों की है। राज्य में 1190 से अधिक सीबीएसई स्कूल हैं।

स्टेपवाइज मार्किंग की अनदेखी 
कई छात्रों ने भाषा विषय में कम अंक आने के बाद अंक सत्यापन के लिए आवेदन दिया। पता चला कि कई शिक्षकों ने स्टेपवाइज मार्किंग की अनदेखी की है। इस कारण भी भाषा विषयों में छात्रों को कम अंक आए। ऐसे शिक्षकों को प्रशिक्षण का निर्देश बोर्ड ने दिया है।

भाषाविदों की धरती रहा है बिहार
बिहार भाषाविदों की धरती रहा है। यहां हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं के एक से बढ़कर एक कवि व साहित्यकार हुए हैं। हिन्दी के विशिष्ट शैलीकार राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह, आचार्य शिवपूजन सहाय, रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वरनाथ रेणु व राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर बिहार से थे।

वहीं अंग्रेजी के विद्वानों में डॉ. आरके सिन्हा, प्रो. कपिलमुनि तिवारी, डॉ. रामचंद्र प्रसाद, डॉ. आरसीपी सिन्हा, प्रो. अरुण कमल, डॉ. समीर कुमार शर्मा, डॉ. शंकर आशीष दत्त, मुनीबा सामी, डॉ. शिवजतन ठाकुर जैसे नाम शामिल हैं।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *