बिहार की राजधानी पटना स्थित बेऊर जेल के एक कैदी की मौ’त के बाद हंगामा हो गया। परिजन ने पुलिस हिरासत में पिटा’ई के बाद मौ’त होने का आरो’प लगाते हुए मुआवजे की मांग की।
इसे लेकर लोगों ने रामकृष्ण नगर थाने का गुरुवार को घेराव कर दिया। हालांकि, थानाध्यक्ष जहांगीर आलम ने कैदी की पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत होने की बात को खारिज कर दिया है।
जानकारी के अनुसार मृतक बंदी रामकृष्णा नगर थाने के भूपतिपुर का रहने वाला था। मृतक सुनील मांझी (23) की पत्नी ने कहा कि 22 अगस्त को उसके पति को घर से पुलिस शराब मामले में गिरफ्तार करके ले गई थी।
इस दौरान रामकृष्णा नगर थाने की पुलिस ने उससे मारपीट की। इसके बाद उसे 23 अगस्त को जेल भेज दिया गया। 24 अगस्त की रात को पति की जेल में तबीयत बिगड़ी तो जेल प्रशासन ने उसे पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजा, यहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
पत्नी ने आरोप लगाया कि तबीयत खराब होने और पीएमसीएच में भर्ती किए जाने की जानकारी पुलिस ने परिजन को नहीं दी। जब मौत हो गई तो खबर दी गई। इधर, जिला परिषद सदस्य दीपक मांझी ने कहा कि पुलिस की पिटाई से सुनील मांझी की मौत हुई है। हम लोग मुआवजा और पुलिस पर कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरेंगे। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे।
बता दें कि सुनील मांझी के 3 बच्चों में दो बेटियां भी शामिल हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुनील पर थी। वहीं, पटना एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सुनील के इलाज में यह बात सामने आई है कि वह नशे का आदि था। उसके शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पुलिस हिरासत में मारपीट की बात से आलाधिकारियों ने साफ इंकार किया है।
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