राजधानी पटना के राजीवनगर के नेपाली नगर में अतिक्रमण की जद में एक पुलिसकर्मी का भी मकान आया है। बुलडोजर चलने पर उस मकान से बाहर निकली सिपाही की पत्नी ने मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट के पास पहुंची और हाथ जोड़कर उनसे कहा कि सर, ये मकान पुलिस का है। प्लीज इस पर बुलडोजर मत चलवाइए। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा कि हट जाइए। सरकारी भूमि पर जिनके भी मकान बने हैं, सब पर बुलडोजर चलेगा।
एक ने बसाया, दूसरे ने उजाड़ दिया
नेपालीनगर के लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय विकास के माध्यम सड़क और नली-गली का निर्माण कार्य चल रहा है। ज्यादातर काम विधायक निधि से जिला योजना कार्यालय के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। बिजली विभाग के द्वारा इन इलाकों में खंभे भी लगाए जा रहे हैं।
नगर निगम अपने एजेंसी के माध्यम से होल्डिंग टैक्स वसूल रहा है। यहां तक की लोगों की परती जमीन से भी होल्डिंग टैक्स लिया जा रहा है। लेकिन सरकार के ही दूसरे विभाग ने बस्ती को उजाड़ दिया। ऐसी स्थिति में अब लोग कहां जाएं।
जेसीबी के सामने 8 माह की बच्ची को रखा
जब अतिक्रमण हटाया जा रहा था उस समय एक मकान पर जैसे ही जेसीबी लगाया गया। एक महिला ने दरवाजा खोला और अपनी आठ माह की बच्ची को जेसीबी के सामने रख दिया। महिला ने कहा मुझे घर से निकलने के लिए मौका दीजिए लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने जेसीबी ड्राइवर को घर तोड़ने का आदेश दिया।
महिला ने बच्चे को दरवाजे से नहीं हटाया। इस पर ड्राइवर ने कहा, सर जेसीबी से बच्ची को खतरा हो सकता है इसीलिए मैं आगे नहीं बढ़ सकता हूं। मौके पर मौजूद नगर निगम के कर्मियों को घर में भेजकर महिला और उसके बच्ची को बाहर निकाला गया उसके बाद बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया।
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