मुजफ्फरपुर : मुशहरी पुलिस की चू’क से मुशहरी के नरौली डीह निवासी चंद्रमौली कुमार को निर्दोष होते हुए भी बेवजह छह माह जेल में का’टने पड़े। कोरोना से उसकी पत्नी की मौ’त को ह’त्या बताकर पुलिस ने उसे गिर’फ्तार कर लिया। उसपर एफआईआर दर्ज करने से लेकर कोर्ट में चार्जशीट तक दाखिल कर दी। हालांकि, परिजनों की गुहार पर हुई दोबारा जांच में पुलिस की गल’ती पकड़ी गई।
इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की। इसमें उसपर लगे ह’त्या के आरो’पों को तथ्य की भूल माना और निर्दोष बताते हुए खेद जताया। फाइनल रिपोर्ट के बाद 29 अप्रैल को कोर्ट ने मोतिहारी के चकिया निवासी मृ’तका की मां व पिता का बयान दर्ज किया। इसमें एफआ’ईआर व चा’र्जशीट में किए गए दावे खारिज होने के बाद कोर्ट ने चंद्रमौली को रिहा करने का आदेश दिया। निर्दोष की गिर’फ्तारी को लेकर कोर्ट में पुलिस की फजी’हत हुई। कोर्ट ने अभियोजन अधिकारी को पुलिस पर कार्य’वाही करने का आदेश दिया है।
मुशहरी थाना के चौकीदार के बयान पर पिछले साल दो नवंबर को चंद्रमौली कुमार व उनके पिता पर ह’त्या व सबूत मिटाने के आरो’प में एफआ’ईआर दर्ज की गई थी। चौकीदार ने एफआईआर में बताया था कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान जानकारी मिली कि पांच दिन पूर्व चंद्रमौली की पत्नी शालू कुमारी की मौ’त संदिग्ध स्थि’ति में हो गई है। पति व ससुर ने सबू’त मिटा’ने के लिए 27 अक्टूबर की रात श’व को ज’ला दिया। एफआई’आर के साथ ही पति को गिर’फ्तार कर लिया गया।
चार्जशीट के बाद चंद्रमौली के परिजनों ने पुलिस के वरीय अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई। पुन: जांच में आ’रोप बेबुनियाद साबित हो गए। इसके बाद एफआईआर व चार्जशीट में लगे आरो’पों को पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट में खा’रिज कर दिया। चार्जशीट दाखिल करने वाले दारोगा ने 18 मार्च को फाइनल रिपोर्ट दाखिल की। इसमें कहा कि महिला की मौ’त कोरोना से हुई है। तथ्य की भूल के संबंध में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की जाती है। अभियुक्त चंद्रमौली कुमार को निर्दोषित किया जाता है। इस संबंध में वरीय अधिकारी से शुद्धि पत्र प्राप्त की गई है।
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