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मधुबनी : नेपाल में आर्थिक सं’कट के बीच भारत से व्यापार हो सकता प्रभा‍व‍ित, कपड़ा व्यवसाय में कमी

नेपाल में जारी आर्थिक सं’कट के कारण दोनों देश का व्यापार प्रभावित होने लगा है। नेपाल सरकार ने आर्थिक संक’ट को देखते हुए कई सामान के आयात पर प्रतिबं’ध लगा दिया है। इससे भारत व नेपाल का व्यापार प्रभावित होने लगा है। नेपाल में जारी आर्थिक संकट से भारत और नेपाल के बीच व्यापार में भारी कमी आई है। मिली जानकारी के अनुसार पहले प्रत्येक माह एक करोड़ रुपये का सामान नेपाल जाता था। लेकिन, अब 25 लाख रुपये का ही समान प्रत्येक महीना नेपाल जा रहा है। पहले कपड़ा, हार्डवेयर, थ्रेसर, पाट््र्स, गिट््स समेत अन्य समान नेपाल जाता था। लेकिन अब कस्टम ड्यूटी कटाकर धान और एस्बेस्टस ही जा रहा है।

भारत से नेपाल अब अवै’ध तरीके से समान पहले की अपेक्षा अधिक मात्रा में जा रहा है। नेपाल के व्यापारी नेपाल में बढ़ती महंगाई को देखते हुए कपड़ा समेत अन्य समान अवैध तरीके से भारत के सीमावर्ती क्षेत्र से खरीदकर ले जा रहें हैं, ताकि नेपाल के लोग आसानी से खरीददारी कर संके। जयनगर के प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी गिरधारी सर्राफ ने बताया की नेपाल में आर्थिक प्रतिबंध के बाद कपड़ा व्यवसाय में 25 प्रतिशत का गिरावट आया है। कैट के अध्यक्ष प्रीतम बैरोलिया, किराना सामन के थोक विक्रेता राजकुमार साह ने बताया कि फिलहाल बिक्री सामान्य है। वैवाहिक लगन के कारण लोग नेपाल से खरीदारी करने को आ रहें है। नेपाल के आर्थिक संकट का असर अभी यहां के बाजार पर नहीं दिख रहा है।

नेपाल सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को देखते हुए कई सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे प्रतिबंधित सामानों की तस्करी बढऩे की आशंका जताई जा रही है। भारतनेपाल की खुली सीमा होने से पूर्व में भी सामानों की तस्करी की जाती रही है। लेकिन, अब प्रतिबंधित सामानों की तस्करी और अधिक होने की संभावना है।

नेपाल सरकार ने जिन सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है, उन सामानों की खरीददारी के लिए नेपाली ग्राहक भारतीय बाजारों की ओर रुख करेंगे। इससे भारत के सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारियों को लाभ होगा। नेपाल के तराई क्षेत्र के लोग वैसे भी भारतीय बाजारों में खरीददारी करने के लिए आते रहते हैं। नेपाल के बाजारों में अब जो सामान उपलब्ध नहीं होगा, वैसे सामानों की खरीददारी करने भारतीय बाजार आना नेपाली नागरिक की मजबूरी होगी।

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