बिहार के खिलाड़ी अब दूसरे राज्यों के ट्रेनिंग सेंटर और कोच पर निर्भर नहीं रहेंगे। राज्य में खेल को बढ़ावा देने की रणनीति न सिर्फ तैयार की गई है बल्कि इसपर काम भी शुरू कर दिया गया है।
राज्य के सभी जिलों में खेल पदाधिकारी की नियुक्ति होती है। पर कई जिलों में खेल पदाधिकारी अभी उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में जहां जिला खेल पदाधिकारी मौजूद नहीं हैं वहां इन्हें खेलों को बढ़ावा देने के लिए नोडल अफसर नियुक्त किया गया है। इनके जिम्मे खेलों के आयोजन में मदद से लेकर पर्यवेक्षण तक का काम होगा। नोडल अफसर खेल प्राधिकरण के साथ समन्वय बनाकर इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने खेल कोटे से नियुक्त करीब 100 निम्नवर्गीय लिपिकों के साथ साक्षात्कार किया था। इसके बाद ऐसे कर्मी जो अब भी खेलों में रुचि रखते हैं और बच्चों को कोचिंग दे रहे हैं, उनकी पहचान की। प्राधिकरण के अनुरोध पर ऐसे करीब 50 कर्मियों को कला संस्कृति एवं युवा विभाग में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है।
बिहार में कभी फुटबॉल, बॉलीबाल और कबड्डी जैसे खेलों में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हुआ करते थे। पर आज की तारीख में बिहार का हाल खस्ता है। टेस्ट और आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में भी गिने चुने एक-दो खिलाड़ियों को ही मौका मिला है। प्रो कबड्डी में पटना पाइरेट्स की टीम खेलती है पर बिहार के खिलाड़ी बहुत कम हैं। खेल के लिए बेहतर आधारभूत संरचना और खिलाड़ियों के चयन की प्रक्रिया को बेहतर बनाकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जा सकते हैं।
राज्य खेल प्राधिकरण ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की राह की चुनौतियों से निपटने के लिए गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बिहार में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट के लिए तैयार करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (साई) से रिफ्रेशर कोर्स कराया जाएगा या फिर ख्याति प्राप्त कोच इन्हें कोचिंग की नई तकनीक से वाकिफ कराएंगे। इसके बाद इन्हें अलग-अलग जिलों में भेजा जाएगा। वहां ये स्कूल के साथ गांव व मोहल्लों में ऐसे बच्चों का चयन करेंगे, जो खेल में बेहतर करने की क्षमता रखते हैं।
इंडोर खेल को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही राज्य के सभी जिलों में आधारभूत संरचना उपलब्ध होगी। सभी जिलों में इसके लिए खेल भवन का निर्माण हो रहा है। दस जिलों में यह तैयार भी हो गया है। इंडोर के साथ आउटडोर खेल, जिसके लिए बड़े मैदान की जरूरत होती है उसपर भी योजना तैयार कर ली गई है।
बिहार में खेल को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकारण द्वारा विभिन्न स्तरों पर काम किया जा रहा है। सबसे पहले कोच तैयार किए जाएंगे। इसके बाद खिलाड़ियों का चयन होगा और उन्हें बेहतर माहौल में नई तकनीक पर प्रशिक्षण मिले, इसकी व्यवस्था की जा रही है।
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