बिहार में जेल प्रशासन का अमा’नवीय और श’र्मनाक कर’तूत सामने आने के बाद लोगों के बीच हैरा’नी देखने के लिए मिल रही है।अमान’वीय चेहरा देखने को मिला। मामला वैशाली जिले से जुड़ा है जहां एक कै’दी को मृ’त हा’ल में ह’थकड़ी के साथ लाया गया। जेल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में इलाज के दौरान कै’दी की मौ’त हो गई जबकि सदर अस्पताल के चिकित्सक का कहना है कि कै’दी को मृ’त हा’ल में अस्पताल लाया गया था। मिली जानकारी के अनुसार, चिकित्सक द्वारा जब इस बात की जानकारी परिजनों को मिली तो परिजनों ने जेल प्रशासन पर स’वाल ख’ड़ा करते हुए जम’कर हं’गामा किया। कै’दी की पहचान राजकिशोर साह के रूप में की गई है जो लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था। उसे पुलिस ने 7 साल पुराने एक मामले में गिर’फ्तार किया था और लगभग एक सप्ताह पहले जे’ल भेजा था।
ख़बरों के मुताबिक, कै’दी की तबि’यत बिग’ड़ने पर इला’ज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था जहां इलाज के दौरान ही उसकी मौ’त हो गई, हालांकि सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया है कि ब’न्दी को मृ’त हा’लत में ही अस्पताल लाया गया था और ब’न्दी का किसी तरह का इलाज नहीं हुआ था। जिसके बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर गं’भीर आ’रोप लगाया है। परिजनों द्वारा बताया गया कि हाजीपुर मंडल कारा को क’त्लखाना बना दिया गया है जिसके तहत आए दिन कै’दियों की मौ’त हो रही है और प्रशासन अपनी ना’कामी छु’पाने के लिए सदर अस्पताल का सहारा लेती है, जबकि जेल में कै’दियों का स’मुचित इ’लाज नहीं होता है, इसलिए मृ’त ब’न्दी राजकिशोर साह को अगर न्याय नहीं मिला तो मज’बूरन लोग उ’ग्र आं’दोलन करेंगे।
बताया जा रहा है कि सात साल पहले हुए दं’गा मामले में मृ’त कै’दी के पुत्र की भी गिर”फ्तारी हुई है और पुत्र अभी जे’ल में ही है। कै’दी के श’व का पोस्ट’मार्टम दं’डाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौ’त का कारण स्पष्ट हो पाएगा। फ़िलहाल श’व का पोस्ट’मार्टम करा परिजनों को सौं’प दिया गया है और पूरे मामले की जांच शु’रू कर दी गई है।
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