वैशाली: बिहार की वैशाली सीट पर वैसे तो कुल 15 उम्मीदवारा मैदान में हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला मौजूदा सांसद वीणा देवी और आरजेडी के मुन्ना शुक्ला के बीच है। वीणा देवी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा से चुनाव लड़ रही हैं। वोटों की गिनती शुरू हो गई है और दोनों में से बाजी कौन मारेगा, इसका कुछ ही देर में पता चल जाएगा।
सुबह 11:45 AM: बिहार की वैशाली सीट पर वीणा देवी ने बढ़त बना रखी है। ताजा आंकड़ों में वह मुन्ना शुक्ला से 7060 वोटों से आगे हैं।
अगर वैशाली लोकसभा सीट की बात करें तो 1952 से लेकर 1977 तक यहां कांग्रेस के दिग्विजय नारायण सिंह ने एकछत्र राज किया। उन्होंने चुनाव तो 1977 में भी जीता था, लेकिन इस बार उनकी पार्टी कांग्रेस नहीं, बल्कि भारतीय लोकदल थी। वैशाली सीट पर महिला सांसदों ने भी खूब दम दिखाया है। इसमें किशोरी सिन्हा, ऊषा सिंह और लवली आनंद का नाम शामिल है। लवली आनंद बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी हैं। बाद में 1996 से 2014 तक आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह यहां के सांसद रहे। 2014 में लोजपा के रामकिशोर सिंह ने रघुवंश प्रसाद को हराया था। इसके बाद 2019 में वैशाली में सांसद बनी थीं वीणा देवी।
वैशाली का ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्व है। यह जिला भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मस्थली रही है। वैशाली को लोकतंत्र की जननी भी कहा जाता है। सैकड़ों बरस पहले लिच्छवियों ने प्रजातांत्रिक आदर्शों के आधार पर इस शहर की नींव रखी थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक खुदाई के दौरान जो मिला है, उससे पता चलता है कि गढ़ के आसपास बस्तियां रही होंगी। यहां खुदाई में एक बड़े किले के कुछ अवशेष भी मिले थे। बताया जाता है कि यह किला इक्ष्वाकु वंश में पैदा हुए विशाल नाम के राजा ने की थी। इसी वजह से इसका दूसरा नाम विशाला भी था।
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