ओमप्रकाश दीपक
मुजफ्फरपुर। हरियाण से पूर्णिया के चली बस मंगलवार को सुबह बैरिया में ही यात्रियों को छोड़कर चालक, कंडक्टर और खलासी को लेकर फरार हो गयी। विवश यात्री यहां दो घंटे तक बस के खुलने की प्रतीक्षा करते रहे। इसके बाद भी जब कोई नहीं तो मजबूरन उन्हें दूसरी बस से पूर्णिया जाना पड़ा। बस में लगभग एक सौ यात्री सवार थे। इनमें से अधिकतर मजदूर वर्ग के थे। यात्रियों को दरभंगा, सुपौल, अररिया और पूर्णिया जाना था। सभी मजदूर हरियाणा राज्य से धनरोपनी कर घर लौट रहे थे।
यात्रियों के अनुसार, हरियाण के रोहतक से (यूपी 95 टी 4154) बस रविवार शाम चार बजे बिहार के पूर्णिया जिले के लिए चली। सोमवार सुबह 11 बजे बस यूपी के गोरखपुर के एक ढाबे में आकर रूकी। वहां से शाम सात बजे पूर्णिया के चली। इसके बाद मंगलवार सुबह सात बजे मुजफ्फरपुर के बैरिया में लाकर चालक ने बस को रोक दिया।
मजदूरों ने जब चालक, कंडक्टर और खलासी से पूछा कि बस कब खुलेगी तो बिना कुछ बोले ही सभी फरार हो गया। यात्री समझ गये कि बस अब आगे नहीं जायेगी। दो घंटे बस खुलने की प्रतीक्षा करने के बाद वे मजबूरी में दूसरी बस से अपने घर के लिए रवान हो गये।
बस में यात्रा करने वाले सुपौल जिले के बनजारा निवासी वकील मेहता, पुर्णिया के मुकेश मंडल, राजू कुमार, राजेश कुमार, अररिया के विनोद कुमार, अजय कुमार, सुशील कुमार, अरुण झा, सुनील यादव, दरभंगा के राकेश कुमार आदि ने बताया कि उनसे 1400 से लेकर 2500 रुपये के बीच प्रति व्यक्ति किराया वसूल किया गया। दो सीट वाली जगह पर तीन लोगों को बैठया गया। दो सीट वाले स्लीपर में पांच व्यक्ति और सिंगल स्लीपर में दो व्यक्ति को लाया गया। कई लोग नीचे बेंच पर भी बैठ कर आये।
उन्होंने बताया कि पंजाब में धनरोपनी करने के बाद वापस अपने घर आ रहे थे। सुबह साढ़े नौ बजे वकील मेहता दरभंगा के सिमराही के लिए बारह सौ रुपये में ऑटो बुक कर छह ग्रामीणों के रवाना हुए।
Be First to Comment