श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गनाइजेशन (साबलो) ने अमरनाथ यात्रा की घोषणा का स्वागत करते हुए यात्रा को सफल बनाने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से सभी जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद 2008 में जम्मू-कश्मीर कैबिनेट में मंजूर वन विभाग की 3988 हेक्टेयर भूमि को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को यात्री सुविधाओं के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने की मांग की है।
साबलो के महासचिव राजन गुप्ता ने कहा कि हाल में साबलो के शिष्टमंडल ने उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू से मुलाकात में कई मुद्दों और मांगों पर चर्चा की थी। इनमें यात्रा की अवधि 30 दिन करने की मांग की गई थी, हालांकि इस मांग पर गौर नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारी बर्फबारी के कारण खासतौर पर पहलगाम ट्रैक से 23 जून से यात्रा को शुरू करने में कई चुनौतियां रहेंगी। इससे यात्रियों के साथ लंगर संगठनों को परेशानी झेलनी पड़ती है। साबलो की मांग पर उपराज्यपाल ने चार भंडारा संस्थानों को दिए कारण बताओ नोटिस को वापस लेकर उन्हें भी लंगर सेवा जारी रखने का भरोसा दिलाया है।
साबलो की मांगों में पवित्र गुफा के सामने से ग्रिल हटाना, पवित्र गुफा में दर्शन को सरल बनाने, बोर्ड में साबलो के सदस्य शामिल करने, साबलो सदस्यों को बालटाल से पवित्र गुफा तक उचित दाम पर सीसीटीवी मुहैया करवाने, पहाड़ों से गिरते पत्थरों से बचाव को यात्रियों को हेलमेट मुहैया करवाने, बस स्टैंड, असेस कंट्रोल गेट दोमेल पर पर्यावरण मैत्री ई रिक्शा मुहैया करवाना शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कुछ और भी मांग रखी हैं।
सबलो ने मांग की है कि भंडारे लगाने के लिए लगाई गई शर्तों पर पुनर्विचार करने, कैंप साइट पर पर्याप्त ढांचा सुविधाएं, हट में भंडारा सामग्री रखने, पर्वतीय क्षेत्र में भंडारा वालों को बिजली सप्लाई देने, सब्सिडी दामों पर एलपीजी, केरोसिन उपलब्ध करवाने आदि शामिल है। इस मौके पर प्रधान विजय ठाकुर आदि मौजूद रहे।
(इस खबर को मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह amarujala फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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