Press "Enter" to skip to content

645 करोड़ महंगा हुआ हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाइपास, 12 साल में नहीं सुलझा 17 किमी सड़क का मसला

पटना : बिहार के हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाइपास अब 645.2 करोड़ रुपये महंगा हो गया है। 12 साल पहले जब इस परियोजना की शुरुआत की गई थी तब इसकी लागत महज 671 करोड़ थी। लेकिन योजना की लेटलतीफी और तमाम समस्याओं के कारण लागत बढ़कर अब 1316.2 करोड़ रुपये हो गई है। गुरुवार को अधिकारियों ने मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा को जो रिपोर्ट भेजी है, उससे इस परियोजना की लागत लगभग दोगुनी होने का मामला सामने आया है।

मुख्य सचिव ने गुरुवार परियोजना की समीक्षा के लिए रिपोर्ट मांगी थी। भेजी गई रिपोर्ट परियोजना की पूरी कहानी स्पष्ट करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि परियोजना को छह फरवरी 2013 को पूरा होना था। लेकिन अब इसे 31 दिसम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस बीच में न केवल 11 साल नौ माह की देरी हो गई, बल्कि परियोजना की लागत भी 645.2 करोड़ रुपये बढ़ गई है।

17 किमी बाइपास सड़क की कई बार हुई ‘सर्जरी’ हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाइपास की कुल लम्बाई 16.870 किमी है। सबसे पहले इसके जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में ही पेच फंस गया। रैयतों के साथ भूमि की किस्म को लेकर विवाद पैदा हुआ जो कई साल तक चला। इसके हल के लिए प्रशासन ने सिक्समेन कमेटी का गठन किया, जिसे एनएचएआई ने खारिज कर दिया। विवाद इतना लम्बा खिंचा कि बीच में ही भू अर्जन की नियमावली ही बदल गई और नई नियमावली के अनुसार रैयतों ने भुगतान के लिए दावा ठोक दिया। अंतत एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को ही बंद कर दिया।

इसके बाद इस प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट में जनहिच याचिका दाखिल की गई तब एनएचएआई ने प्रोजेक्ट दोबारा शुरू किया। इसके बाद एनएचएआई और निर्माण एजेंसी के बीच भी कानूनी विवाद पैदा हुआ। इससे भी परियोजना में देरी हुई। कार्य एजेंसी बदलने और हाईकोर्ट की दखल के बाद काम में तेजी आयी, तबतक इसकी लागत के साथ ही इसके पूरा होने की समयावधि भी बढ़ती चली गई। अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार इस परियोजना का भौतिक काम 97.78 फीसदी कर लिया गया है, जबकि खर्च के मामले में 95.49 फीसदी लक्ष्य हासिल किया गया है।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *